‘अनाज पहल’ में रूसी भागेदारी फिर शुरू होने की घोषणा, यूएन प्रमुख ने किया स्वागत |
यूएन के मध्यस्थता प्रयासों के फलस्वरूप इस पहल पर जुलाई 2022 में सहमति बनी थी, और इसे एक संयुक्त समन्वय समिति (JCC) द्वारा लागू किया जाता है.
इस समिति में रूस, यूक्रेन और तुर्कीये के प्रतिनिधि शामिल हैं.
इस पहल का उद्देश्य युद्धग्रस्त यूक्रेन से अनाज, तेल और अन्य खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति को विदेशी बाज़ारों में भेजे जाने का मार्ग प्रशस्त करना है.
अनेक ज़रूरतमंद देशों में अकाल का जोखिम मंडरा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए यूक्रेन से खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के लिये तेज़ प्रयास किये गए.
इससे पहले, रूस ने शनिवार को अनाज पहल में अपनी भागेदारी रोकने की घोषणा करते हुए कहा था कि काला सागर के ज़रिये सहमति प्राप्त मानवीय गलियारे से होकर जहाज़ों की सुरक्षित आवाजाही की गारंटी नहीं होगी.
रूस के अनुसार, क्राइमिया में उसके जहाज़ों पर यूक्रेन द्वारा हमला किये जाने के बाद ये निर्णय लिया गया.
गहन कूटनैतिक प्रयास
यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने बुधवार को उनकी ओर से एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें उन्होंने तुर्कीये द्वारा किये गए कूटनैतिक प्रयासों के प्रति आभार प्रकट किया है.
साथ ही, यूएन समन्वयक अमीर अब्दुल्ला और उनकी टीम का भी धन्यवाद किया है, जिन्होंने इस खाद्य आपूर्ति मार्ग को खुला रखने के लिये अहम भूमिका निभाई.
समन्वयक अमीर अब्दुल्ला ने बुधवार को अपने एक ट्वीट संदेश में कहा कि वह एक बार फिर इस पहल में शामिल सभी पक्षों के साथ मिलकर कार्य करने के लिये उत्सुक हैं.
शनिवार को रूस द्वारा भागेदारी रोके जाने की घोषणा के बाद से ही, यूएन प्रमुख ने बिना रुके, पर्दे के पीछे होने वाली वार्ताओं में हिस्सा लिया, ताकि इस पहल को फिर से रास्ते पर लाया जा सके.
इस पहल की अवधि नवम्बर महीने में समाप्त हो रही है.
सोमवार को यूएन सुरक्षा परिषद में भी रूस द्वारा भागेदारी रोके जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई, और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि इस पहल से विश्व भर में सकारात्मक असर हुआ था.
मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स और व्यापार एवं विकास पर यूएन प्रमुख रैबेका ग्रीनस्पैन ने कहा कि इस समझौते के तहत, रूस और यूक्रेन से निर्यात के ज़रिये अनाज क़ीमतों में कमी लाने में मदद मिली है.
इसके अलावा, बाज़ारों में स्थिरता देखी गई, भूख की मार झेल रहे लाखों-करोड़ों लोगों के लिये भोजन का प्रबंध कर पाना सम्भव हुआ और बढ़ती मंहगाई से निपटने की भी कोशिश हुई.
अवधि बढ़ाने की दरकार
रूस और यूक्रेन एक साथ मिलकर, विश्व भर में क़रीब 30 प्रतिशत गेहूँ व जौं, 20 फ़ीसदी मक्का और 50 फ़ीसदी से अधिक सूरजमुखी तेल का निर्यात करते हैं.
यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि इस पहल में ये स्पष्ट था कि सभी सदस्य देश इसकी शर्तों को लागू करेंगे, ताकि रूसी खाद्य वस्तुओं व उर्वरकों को भी वैश्विक बाज़ारों में पहुँचाया जा सके.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अपने वक्तव्य मे सभी पक्षों के साथ सम्पर्क व बातचीत जारी रखने की बात कही है, ताकि इस पहल को पूर्ण रूप से लागू करना और उसकी अवधि बढ़ाना सम्भव हो.
साथ ही, उन्होंने रूसी खाद्य वस्तुओं और उर्वरकों के निर्यात के रास्ते में आने वाले अवरोधों को भी दूर हटाने का संकल्प व्यक्त किया है.