यूएन महासचिव का नव-वर्ष सन्देश: 2023 को शान्ति स्थापना का साल बनाने का आहवान
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने अपने सन्देश में कहा कि हर नया साल, पुनर्जन्म का एक क्षण है.
“हम बीते वर्ष के अंधेरों से निकल कर, नए उजले दिन के लिये तैयारी करते हैं.”
महासचिव गुटेरेश ने सचेत किया कि वर्ष 2022 में, दुनिया में लाखों लोगों ने वास्तव में अंधेरों से निकलने की कोशिश की.
“यूक्रेन से लेकर अफ़ग़ानिस्तान, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य तक, और उससे भी परे, लोगों ने कुछ बेहतर की तलाश में खंडहर हो चुके अपने घरों व ज़िंदगियों को छोड़ दिया.”
“विश्व भर में 10 करोड़ लोग युद्ध, दावानल, निर्धनता और भुखमरी के अंधेरों से बच कर भाग रहे थे.”
यूएन प्रमुख ने मौजूदा वैश्विक संकटों की पृष्ठभूमि में कहा कि हमें 2023 में शान्ति की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है.
शान्ति का आहवान
महासचिव गुटेरेश ने एक-दूसरे के साथ सम्वाद के ज़रिये टकराव मिटाने और प्रकृति व जलवायु के साथ, अधिक टिकाऊ विश्व के निर्माण के लिये शान्ति स्थापना पर बल दिया है.
“शान्ति, घर के भीतर, ताकि महिलाएँ और लड़कियाँ गरिमापूर्ण, सुरक्षित जीवन जी सकें. शान्ति, सड़कों पर और हमारे समुदायों में, सभी मानवाधिकारों की पूर्ण रक्षा के साथ.”
उन्होंने कहा कि आराधना स्थलों पर एक-दूसरे की आस्थाओं के प्रति सम्मान सुनिश्चित करके और ऑनलाइन माध्यमों को, नफ़रत भरी बोली व दुर्व्यवहार से मुक्त बनाकर शान्ति स्थापित की जानी होगी.
“आइए, 2023 में, हम अपनी वाणी और कर्म के केन्द्र में शान्ति को स्थान दें.”
यूएन प्रमुख ने 2023 को एक ऐसा साल बनाने का आहवान किया है, जिसमें हमारी ज़िंदगियों, हमारे घरों, और हमारी दुनिया में फिर से शान्ति का वास हो सके.