इसराइली मंत्री द्वारा पवित्र स्थल के दौरे से भड़के तनाव में कमी लाने के प्रयास
ग़ौरतलब है कि इसराइल के नए राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और धुर दक्षिणपंथी पार्टी के नेता इतामार बेन ग्विर ने इस सप्ताह सोमवार को येरुशलम में पवित्र स्थल का दौरा किया.
येरुशलम शहर के पुराने इलाक़े में स्थित यह परिसर, यहूदियों और मुसलमानों, दोनों के लिये पवित्र है.
यहूदियों द्वारा इस स्थल को टैम्पल माउंट और मुस्लिम समुदाय द्वारा हरम अल-शरीफ़ के नाम से पुकारा जाता है, और यह जॉर्डन द्वारा संचालित है.
बताया गया है कि वर्ष 2017 के बाद यह पहली बार है जब किसी इसराइली मंत्री ने इस स्थल का दौरा किया, और इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी वहाँ पहुँचे थे.
वहाँ स्थित अल-अक्सा मस्जिद के आसपास पहले भी इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के बीच झड़पें हो चुकी हैं.
यूएन सहायक महासचिव ने कहा कि इस दौरे के समय या उसके बाद किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हुई, मगर यह दौरा विशेष रूप से भड़काऊ है, चूँकि बेन ग्विर अतीत में यथास्थितिवाद में बदलाव की पैरोकारी कर चुके हैं.
इसराइली सुरक्षा मंत्री के इस क़दम की फ़लस्तीनी प्रशासन, क्षेत्र में अन्य पक्षों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कड़ी निन्दा की गई है, जोकि इसे उकसावेपूर्ण मानते हैं.
नाज़ुक स्थिति
यूएन के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अतीत में भी पहले कईं बार देखा जा चुका है कि येरुशलम के पवित्र स्थलों पर हालात बेहद नाज़ुक हैं.
“कोई भी घटना या तनाव वहाँ फैल सकता है और पूरे क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र, इसराइल या क्षेत्र में किसी अन्य स्थान पर हिंसा का कारण बन सकता है.”
“इस वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए, मैं महासचिव की उस पुकार को दोहराता हूँ, जिसमें उन्होंने सभी पक्षों से ऐसे क़दमों से परहेज़ बरतने के लिये कहा है, जिससे पवित्र स्थलों के इर्दगिर्द तनाव बढ़ता होगा.”
“साथ ही, सभी को यथास्थितिवाद को बरक़रार रखना होगा, जॉर्डन के हाशेमाइट किंगडम की विशेष भूमिका के अनुरूप.”
ख़ालिद ख़ियारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र, तनावपूर्ण हालात में कमी लाने के लिये सभी प्रासंगिक पक्षों के साथ सम्पर्क में है, और यह बातचीत व सम्पर्क जारी रहेगा.
सहायक महासचिव का कहना है कि इस सम्वेदनशील क्षेत्र में, तनाव में कमी लाने के सभी प्रयासों को प्रोत्साहन दिया जान होगा, जबकि भड़काऊ क़दमों, एकतरफ़ा कार्रवाई और हिंसा की धमकियों को पूरी तरह से नकारा जाना होगा.
उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के नेताओं का यह दायित्व है कि लपटों में कमी लाई जाए और शान्ति के लिये परिस्थितियों को सृजित किया जाए.