यह मध्य माली के सोन्गोबिया गाँव में सुबह हुई, जब शान्तिरक्षकों के लिए रसद लेकर जा रहा काफ़िला अपने शिविर की ओर बढ़ रहा था.
यूएन मिशन के प्रमुख अल-घ़ासिम वाने ने इस हमले की निन्दा की है और पीड़ितों के परिजनों व मृतक शान्तिरक्षकों के सहकर्मियों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.
उन्होंने कहा, “हमारे अभियान की जटिल संचालन परिस्थितियों और माली में शान्ति के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा किए गए बलिदान की यह एक और त्रासदीपूर्ण बानगी है.”
माली में यूएन मिशन को सबसे जोखिमपूर्ण शान्ति अभियान के रूप में देखा जाता है. वर्ष 2013 में तैनाती के बाद से अब तक 168 शान्तिरक्षक शत्रुतापूर्ण कृत्यों में अपनी जान गँवा चुके हैं.
यूएन मिशन प्रमुख ने माली में शान्ति स्थापना के लिए नए सिरे से संकल्प लिया है और ध्यान दिलाया है कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत, शान्तिरक्षकों पर हमलों को युद्धापराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यूएन मिशन के विरुद्ध इन शत्रुतापूर्ण कृत्यों को अंजाम देने वाले दोषियों की शिनाख़्त और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.
यूएन मिशन को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2100 के ज़रिये, अप्रैल 2013 में स्थापित किया गया था, ताकि देश में राजनैतिक प्रक्रियाओं और सुरक्षा-सम्बन्धी प्रयासों को समर्थन प्रदान किया जा सके.
जून 2022 तक, इस मिशन में 17 हज़ार से अधिक शान्तिरक्षक सेवारत थे, जिनमें असैनिक, सैन्य, पुलिस, यूएन स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं समेत अन्य कर्मचारी हैं.