फ़लस्तीनियों व इसराइलियों के बीच हिंसा के अन्त, भरोसेमन्द राजनैतिक क्षितिज की बहाली पर बल


यूएन प्रमुख ने बुधवार को फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य (inalienable) अधिकारों पर समिति की एक बैठक को सम्बोधित किया.

उन्होंने कहा कि तनाव और अधिक भड़कने से रोकने, उसमें कमी लाने और शान्ति बहाली को तात्कालिक प्राथमिकता बनाया जाना होगा.

हाल के महीनों में घातक हिंसा में उछाल आया है, तनाव चरम पर है और शान्ति प्रक्रिया अवरुद्ध है. यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि मौजूदा हालात पिछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक सम्वेदनशील है.

“समाधान का खाका स्पष्ट है; इन्हें यूएन प्रस्तावों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और द्विपक्षीय समझौतों में प्रस्तुत किया गया है.”

“अब राजनैतिक इच्छाशक्ति व साहस की ज़रूरत है, ताकि दो-राष्ट्र समाधान को साकार करने और सतत शान्ति के लिए क़ब्ज़े का अन्त करने के कठिन निर्णय लिए जा सकें.”

जानलेवा हिंसा

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों के दौरान, यह समझना होगा कि फ़िलहाल ज़मीनी हालात हमारे विरुद्ध हैं.

“अर्थपूर्ण राजनैतिक बातचीत के बिना जितना समय बीतता है, उतना ही ये लक्ष्य हमारी पहुँच से दूर होते जाएंगे.”

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2005 में मृतकों के आँकड़े सम्बन्धी जानकारी वर्ष 2005 में रखनी शुरू की थी, जिसके बाद 2022 सबसे घातक साल साबित हुआ है.

महासचिव ने कहा कि हिंसा इस वर्ष भी जारी है जिसके असर क्षेत्र में व उससे परे महसूस किए जा रहे हैं.

बुधवार को समाचार माध्यमों के अनुसार, नबलूस में इसराइली सुरक्षा बलों के एक अभियान में 10 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है और 80 घायल हुए हैं.

इस बीच, येरूशेलम में हालात पहले से कहीं अधिक नाज़ुक हैं. “संयुक्त राष्ट्र का रुख़ स्पष्ट है. येरूशेलम का दर्जा एकतरफ़ा कार्रवाई से बदला नहीं जा सकता है.”

नाउम्मीदी और निराशा

यूएन प्रमुख के अनुसार इसके बावजूद, क़ाबिज़ पश्चिमी तट और ग़ाज़ा में, नाउम्मीदी फैल रही है, और निराशा, हताशा व क्रोध बढ़ रहा है.

क़ाबिज़ इलाक़े में इसराइली बस्तियों के विस्तार पर हमले बरक़रार हैं.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि “हर नई बस्ती, शान्ति के मार्ग पर एक और रोड़ा है… बस्तियाँ बसाने की सभी गतिविधियाँ, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अवैध हैं, और इसे रोका जाना होगा.”

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित करके, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय से क़ब्ज़े के मुद्दे पर परामर्श प्रदान करने का आग्रह किया है, जिसके बाद फ़लस्तीनी प्राधिकरण के विरुद्ध इसराइल द्वारा दंडात्मक क़दम उठाए जाने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गई है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय के विषय में फ़लस्तीनी प्राधिकरण के विरुद्ध बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

वित्तीय संकट

“इन क़दमों से फ़लस्तीनी प्राधिकरण के और अधिक अस्थिर होने का जोखिम है, एक ऐसे समय में जब वो पहले से ही एक गम्भीर वित्तीय संकट से जूझ रही है, जिससे लोगों को सेवाएँ प्रदान करने की उसकी क्षमता कमज़ोर हुई है.”

यूएन प्रमुख ने फ़लस्तीनियों तक मदद पहुँचाने के लिए हो रहे प्रयासों की ओर ध्यान आकृष्ट किया.

उन्होंने सभी दानदाताओं से अपने संकल्पों का सम्मान करने और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी को सतत समर्थन प्रदान करने का आग्रह किया है.

इसके साथ ही, ग़ाज़ा में और उससे बाहर सामान व व्यक्तियों की आवाजाही को सरल बनाया जाना महत्वपूर्ण है. इस क्रम में, उन्होंने यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप, बन्द पड़ी चौकियों को फिर से पूरी तरह खोले जाने पर बल दिया है.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Sachin Gaur

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