सीरिया: भूकम्प के बाद सहायता जारी रखने के लिए समर्थन की पुकार


संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स और सीरिया के लिये यूएन महासचिव के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने, सीरिया में मौजूदा आपदा राहत प्रयासों और पुनर्बहाली व मेलमिलाप की दिशा में एक राजनैतिक मार्ग प्रशस्त करने की ख़ातिर, एक साहसिक योजना को मज़बूत समर्थन की पुकार लगाई है.

समय के ख़िलाफ़ दौड़

अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठन – सेव द चिल्ड्रन में सहायता कार्यों की निदेशक राशा मुहरेज़ ने, सुरक्षा परिषद को मानवीय ज़रूरतों की गम्भीरता का बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा चुनौतियों के स्तर का मुक़ाबला करने के लिए, रचनात्मक तरीक़ों व नज़रिए की आवश्यकता है.

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “इस पल हम समय के विरुद्ध दौड़ लगा रहे हैं. परिवारों को असम्भव रास्ते अपनाने पड़ रहे हैं और यहाँ तक कि वो भूमध्य सागर से होकर ख़तरनाक यात्रा करने के बारे में भी सोच सकते हैं.”

बच्चों को घर मिलें, टैंट नहीं

राशा मुहरेज़ ने कहा, “जो कुछ खो गया है, उसे फिर से बहाल करने में अगर तरीक़े नहीं बदले गए तो, सीरियाई लोगों को एक जीवनकाल की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.”

“बच्चों को रहने के लिए सुरक्षित घरों की ज़रूरत है, ताकि टैंटों की; उनके माता-पिता व अभिभावकों ऐसे कामकाज की ज़रूरत है जिसमें सम्मानजक पारिश्रमिक और आय मिले, और वो अपने परिवारों का भरण-पोषण कर सकें.”

राशा मुहरेज़ ने कहा कि भूकम्प से हुई तबाही के हालात में सहायता प्रयासों को, दरअसल साथ आने और राजनैतिक मतभेद दरकिनार करने का एक मौक़ा समझा जाना चाहिए.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सीरिया के बच्चे हम सभी से उम्मीदें लगाए हुए हैं.

अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठन - सेव द चिल्ड्रन की राहत सहायता निदेशक राशा मुहरेज़ (स्क्रीन पर) सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

70 प्रतिशत सहायता की आवश्यकता

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सीरिया और तुर्कीये में भूकम्प के बाद, मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी, जहाँ 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और अनेक अन्य घायल हुए हैं. लाखों लोग लापता हैं और लाखों अन्य बेघर हो गए हैं.

उन्होंने पूरे सीरिया में हालात की गम्भीरता के स्तर का ज़िक्र करते हुए कहा कि 2023 की सहायता योजना के लिए, 4 अरब 80 करोड़ डॉलर की रक़म की आवश्यकता होगी. ये इस समय सबसे बड़ी मानवीय सहायता अपील है.

उन्होंने बताया कि भूकम्प से पहले भी, लगभग एक करोड़ 53 लाख यानि देश की क़रीब 70 प्रतिशत आबादी को, मानवीय सहायता की आवश्यकता थी, यानि इस गम्भीर स्थिति की जड़ें देश में 12 साल से जारी युद्ध में बैठी हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय आपदा व राहत कार्यों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने अपनी हाल की यात्रा के दौरान देखे गए मंज़र को बयान करते हुए कहा कि सैकड़ों इमारतें ढह जाने के भारी जोखिम का सामना कर रही हैं और हज़ारों इमारतों को पूरी तरह ध्वस्त करना होगा. “बहुत से लोग अपने घरों को वापिस लौटने से डर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि एक टैंटों में चार से पाँच परिवार तक रहने को मज़बूर हैं और बीमारियाँ फैलने का जोखिम बढ़ रहा है, जबकि हैज़ा संक्रमण पहले से ही फैल रहा था.

इसके साथ ही, खाद्य वस्तुओं की क़ीमतें आसमान छू रही हैं और महिलाओं व बच्चों के लिए उत्पीड़न, हिंसा और शोषण का जोखिम भी बढ़ रहा है.

अभूतपूर्व परिस्थितियाँ

यूएन महासचिव के विशेष सीरिया दूत गेयर पैडरसन ने इसी सन्देश का समर्थन करते हुए, एकीकृत और उदार सहायता कार्रवाई के साथ-साथ, निकट भविष्य में एक राजनैतिक मार्ग निकालने के लिए, समन्वित प्रयासों के लिए प्रोत्साहित किया.

उन्होंने कहा, “ये स्थिति इतनी अभूतपूर्व है कि इसके लिए साहसिक नेतृत्व और विचारों के साथ-साथ, सहकारिता की भावना की दरकार है.”

गेयर पैडरसन ने कहा कि भूकम्प ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 से सम्बन्धित अहम मुद्दों को उजागर और ज़्यादा गम्भीर बना दिया है जिनमें प्रशासन, सम्प्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, एक राष्ट्रव्यापी युद्धविराम, और युद्ध समाप्ति के बाद के समय में पुनर्निर्माण और पुनर्वास की दिशा में काम करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना शामिल है.

सीरिया के लिए यूएन महासचिव के विशेष दूत गेयर पैडरसन (स्क्रीन पर) सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Mehboob Khan

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *