अन्तरराष्ट्रीय जल-क्षेत्र में समुद्री जैवविविधता के संरक्षण के लिए ऐतिहासिक समझौता


यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने उनकी ओर से शनिवार देर रात न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में यह समझौता होने के कुछ ही घंटों बाद एक वक्तव्य जारी किया.

महासचिव गुटेरेश ने इस समझौते को बहुपक्षवाद और महासागर स्वास्थ्य के समक्ष मौजूद विध्वंस्क रुझानों से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों की जीत बताया है, मौजूदा और भावी पीढ़ियों के लिए.  

यह ‘High Seas’ समझौता वर्ष 2004 में यूएन के तत्वाधान में आरम्भ हुई बातचीत का परिणाम है, जिससे मंतव्य राष्ट्रीय सीमाओं से परे, उस अन्तरराष्ट्रीय जल-क्षेत्र से है जहाँ सभी देशों को मछली पकड़ने, शोध करने और जहाज़ों की आवाजाही समेत अन्य गतिविधियों का अधिकार है.

एक अनुमान के अनुसार, विश्व में महासागारों का दो-तिहाई हिस्सा अन्तरराष्ट्रीय है, और राष्ट्रीय न्यायिक अधिकार-क्षेत्रों से परे है.

राष्ट्रीय न्यायिक अधिकार-क्षेत्र से परे समुद्री जैवविविधता पर अन्तर-सरकारी सम्मेलन (BBNJ) के दौरान प्रतिनिधि इस सहमति पर पहुँचे हैं.

यूएन मुख्यालय में पिछले दो सप्ताह से इस विषय में गहन वार्ता जारी थी, जिसका मसौदा पिछले दो सप्ताह से तैयार था.

अहम समझौता

क़ानूनी फ़्रेमवर्क के तहत महासागरों के 30 प्रतिशत हिस्से को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाएगा, समुद्री संरक्षण प्रयासों में निवेश होगा और समुद्री अनुवांशिकी संसाधनों के इस्तेमाल की सुलभता भी सुनिश्चित की गई है.  

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने दिसम्बर 2022 में मॉन्ट्रियाल में यूएन सम्मेलन के दौरान भूमि व समुद्र पर, विश्व की एक-तिहाई जैवविविधता के संरक्षण के लिए जताई गई ऐतिहासिक प्रतिबद्धता का उल्लेख किया.

यूएन महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता हानि और प्रदूषण के तिहरे ख़तरों से निपटने के लिए यह सन्धि महत्वपूर्ण है.

“यह टिकाऊ विकास के लिए 2030 एजेंडा के तहत तय उद्देश्यों व महासागर-सम्बन्धी लक्ष्यों और कुनिमिंग-मॉन्ट्रियाल वैश्विक जैवविविधता फ़्रेमवर्क की प्राप्ति के लिए अहम है.”

यूएन महासचिव ने ध्यान दिलाया कि BBNJ का यह निर्णय समुद्री क़ानून पर यूएन सन्धि की विरासत पर तैयार की गई है, जिसके लिए उन्होंने सभी पक्षों द्वारा महत्वाकाँक्षा, लचीलापन और दृढ़ता दर्शाए जाने की सराहना की.

उन्होंने इस प्रक्रिया में नेतृत्व व समर्पण के लिए सिंगापुर की राजदूत रेना ली का अभिवादन किया है.

राजदूत रेना ली ने शनिवार देर शाम समझौते की घोषणा करते हुए कहा, “जहाज़, किनारे पर पहुँच चुका है,” जिसका बैठक कक्ष में करतल ध्वनि से स्वागत किया गया.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Sachin Gaur

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