IAEA के महानिदेशक रफ़ाएल ग्रॉसी ने एक वक्तव्य में कहा है कि नवम्बर 2022 के बाद से ये पहली बार है जब ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हुई, अलबत्ता फ़रवरी 2022 में यूक्रेन में रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से, बिजली आपूर्ति बाधित होने का ये छठा मौक़ा था.
एजेंसी ने कहा कि संयंत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो जाने के लगभग 11 घंटे बाद, गुरूवार रात को, बिजली बहाल कर दी गई थी.
यूक्रेन में रूसी आक्रमण के कुछ ही दिन बाद से इस संयंत्र पर रूसी सेनाओं का क़ब्ज़ा है, मगर संयंत्र में IAEA के विशेषज्ञ तैनात हैं और उसका संचालन भी यूक्रेनी आम लोग ही कर रहे हैं, हालाँकि रूसी सेना की कड़ी निगरानी है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को यूक्रेन की राजधानी कीएव में ध्यान दिलाया था कि IAEA को पूरे यूक्रेन में परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा व संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कर दिया गया है.
महासचिव ने साथ ही, ज़ैपोरिझझिया के आसपास पूरे इलाक़े का पूर्ण विसैन्यीकरण करने का भी आहवान किया.
हमारे भाग्य – दुर्भाग्य का मामला
IAEA के मुखिया ने आगाह करते हुए कहा, “हर बार हम एक जुआ खेल रहे होते हैं. और हम अगर ऐसा बार-बार होने देंगे तो एक दिन हमारा भाग्य हमारा साथ छोड़ देगा.”
उन्होंने बताया कि “इस स्थल में अब 15 दिन से लिए पर्याप्त डीज़ल उपलब्ध है जिससे संयंत्र की अनिवार्य ज़रूरतों की पूर्ति हो सकती है” मगर योरोप के इस सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा स्टेशन की स्थिति बहुत नाज़ुक बनी हुई है.
रफ़ाएल ग्रॉस्सी ने इस संकट के समाधान और यूक्रेन के परमाणु ढाँचे की सुरक्षा की गारंटी के लिए कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई और कहा कि वो अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की निष्क्रियता से हतप्रभ हैं.
उन्होंने कहा कि वो इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो जाने की स्थिति में, किसी आशंकित परमाणु आपदा को टालने के लिए, यूक्रेनी और रूसी अधिकारियों के साथ तात्कालिक परामर्श जारी रखेंगे.
रूसी हमलों की भारी लहर
उधर संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने, न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में गुरूवार को पत्रकारों को बताया कि इस बीच रूस ने, यूक्रेन के अनेक इलाक़ों में फिर से भारी और व्यापक हमले किए हैं, जिनमें अनेक क्षेत्रों में बहुत से लोग मारे गए हैं.
रूसी मिसाइलों ने राजधानी कीएव सहित देश के अनेक हिस्सों में बुनियादी ढाँचे को व्यापक स्तर पर निशाना बनाया है.
फ़रहान हक़ ने यूक्रेन के अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले एक महीने से भी ज़्यादा समय में, इतने बड़े पैमाने पर पहली बार किए गए इन हमलों से देश भर में बिजली ढाँचे को निशाना बनाया है.
राजधानी किएव में, लगभग 40 प्रतिशत आबादी के पास गर्माहट रखने के साधन नहीं बचे हैं, जबकि 15 प्रतिशत घरों और कारोबारी स्थलों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है.