काला सागर अनाज पहल के लिए, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण प्रतिबद्धता


रूस ने सोमवार को इससे पहले घोषणा की थी कि वो इस समझौते का विस्तार दो महीने के लिए करने पर सहमत है. नवम्बर 2022 में जब इस समझौते की पहली अवधि समाप्त हुई थी, तो ये चार महीने के लिए बढ़ाया गया था.

संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से जुलाई 2022 में इस्तान्बूल में हुए उस समझौते पर तुर्कीये ने भी हस्ताक्षर किए थे.

इस पहल के अन्तर्गत संयुक्त राष्ट्र और रूस के दरम्यान, उर्वरकों के निर्यात को आसान बनाने के लिए बनी सहमति भी शामिल है.

इस सन्दर्भ में जिनीवा में पत्रकारों को जारी की गई एक प्रैस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस समझौते के तहत, दो करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन अनाज, 1,600 जहाज़ों में भरकर, काला सागर से होकर विश्व के अनेक हिस्सों में पहुँच चुका है.

समें से लगभग 55 प्रतिशत खाद्य निर्यात, विकासशील देशों को हुआ है.

रूस के साथ बातचीत

ये प्रैस वक्तव्य, सोमवार को यूएन जिनीवा मुख्यालय में रूस के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई बातचीत के बाद जारी किया गया.

इस बातचीत में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने शिरकत की जिनमें यूएन व्यापार और विकास प्रमुख रेबेका ग्रीनस्पैन, और यूएन मानवीय राहत एजेंसी OCHA के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स शामिल थे.

इन दोनों अधिकारियों ने, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की तरफ़ से, मूल समझौता कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

संवाददाताओं को मुहैया कराई गई प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है, “यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने पुष्टि की है कि ये विश्व संगठन, काला सागर अनाज निर्यात पहल की अखंडता बरक़रार रखने और इसका विस्तार सुनिश्चित करने के लिए, अपनी तरफ़ से यथासम्भव कार्रवाई करेगा.”

समझौते के लिए यूएन प्रतिबद्धता

यूएन महासचिव ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र, काला सागर अनाज निर्यात पहल के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध रहने के साथ-साथ, रूस के खाद्य उत्पादों और उर्वरक पदार्थों के निर्यात को आसान बनाने की ख़ातिर, प्रयास करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है.

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के खाद्य मूल्य सूचकांक में अब लगातार 10वें महीने गिरावट दर्ज की गई है. इस सूचकांक में मुख्य भोजन ख़ुराकों के उत्पादों के मूल्य पर नज़र रखी जाती है. इस सूचकांक में मार्च 2022 में बेतहाशा वृद्धि हुई थी.

प्रैस वक्तव्य में कहा गया है कि इससे वैश्विक खाद्य मूल्यों पर, इन दोनों समझौतें का सकारात्मक प्रभाव, स्पष्ट झलकता है.

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि उसने रूस द्वारा काला सागर अनाज पहल को 60 दिन के लिए बढ़ाए जाने की घोषणा पर ध्यान दिया है.

यूक्रेन में गेहूँ का प्रसंस्करण

‘वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर सकारात्मक प्रभाव’

इन दोनों समझौतों ने, वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़े हैं, क्योंकि लाखों टन अनाज वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचा है, जिससे, मुख्य रूप से यूक्रेन पर रूसी हमले से उत्पन्न – आपूर्ति श्रृंखला संकट में भी राहत मिली.

प्रैस वक्तव्य में कहा गया है, “काला सागर अनाज पहल का जारी रहना, वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है क्योंकि अनाज और उर्वरकों की उपलब्धता अब भी, यूक्रेन युद्ध के पहले के स्तर पर नहीं पहुँची है. इससे विशेष रूप से विकासशील देशों में कठिनाइयाँ हो रही हैं.”



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Mehboob Khan

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