यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, अफ़्रीकी देश इस क़िल्लत से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं. अफ़्रीकी महाद्वीप के कम से कम 37 देशों को स्वास्थ्य कर्मियों की क़िल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) का लक्ष्य हासिल करने की उनकी क्षमता पर जोखिम मंडरा रहा है. ध्यान रहे कि ये कवरेज, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के संकल्प का एक प्रमुख हिस्सा है.
WHO की इस सतर्कता सूचना में, विशेष रूप से, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) से सम्बन्धित इन धनी देशों के कार्यकलापों पर निगरानी रखने की बात कही गई है, साथ ही अन्य क्षेत्रों पर भी नज़र रखी जा रही है.
भर्ती अभियान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में स्वास्थ्य कर्मियों सम्बन्धी नीति के लिए ज़िम्मेदार निदेशक डॉक्टर जिम कैम्पबेल का कहना है, “अफ़्रीका के भीतर, एक बहुत दमदार अर्थव्यवस्था है जो नए अवसर सृजित कर रही है.”
“खाड़ी क्षेत्र के देश परम्परागत रूप से विदेशी कर्मियों पर निर्भर रहे हैं, और OECD के कुछ उच्च आय वाले देशों ने, अपने यहाँ महामारी का मुक़ाबला करने, ज़िन्दगियों की हानि का सामना करने, संक्रमणों और महामारी के दौरान कर्मियों की अनुपस्थिति की स्थितियों से निपटने के प्रयासों के तहत, भर्ती और रोज़गार के अवसर बढ़ाए हैं.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों में कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों को बचाने में मदद करने की ख़ातिर, एक नवीनीकृत ‘स्वास्थ्य कार्यबल समर्थन और संरक्षा सूची’ जारी की है, जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की कम संख्या वाले देशों को रेखांकित किया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा है कि इन देशों को स्वास्थ्य कार्यबल के विकास और स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए प्राथमिकता पर आधारित समर्थन की दरकार है. साथ ही ऐसे अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की भी ज़रूरत है जो सक्रिय अन्तरराष्ट्रीय भर्ती को सीमित करें.

टैड्रॉस की पुकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने तमाम देशों के लिए, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के अनुरूप, सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की पुकारों को समर्थन देते हुए, सभी देशों से, WHO की स्वास्थ्य कार्यबल समर्थन और संरक्षा सूची के प्रावधानों का सम्मान करने का आहवान किया है.
डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी, हर स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होते हैं, और विश्व की कुछ सबसे कमज़ोर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं वाले कम से कम 55 देशों में, पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य कर्मी नहीं हैं. बहुत से देशों के स्वास्थ्य कर्मी, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन के लिए जा रहे हैं.
व्यावसायिक हित
महानिदेशक ने आगाह करते हुए कहा कि वैसे तो बहुत से देश, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की भर्ती पर, WHO के मौजूदा दिशा-निर्देशों का सम्मान करते हैं, मगर सम्पूर्ण सिद्धान्त को पूरे तौर पर स्वीकार नहीं किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘स्वास्थ्य कर्मी समर्थन और संरक्षा सूची’ अन्तरराष्ट्रीय भर्ती को निषिद्ध नहीं करती है, मगर ये सिफ़ारिश करती है कि ऐसे भर्ती कार्यक्रमों में शामिल देशों की सरकारें, उन देशों में इसके प्रभाव के बारे में भी अवगत हों, जहाँ से वो प्रशिक्षित और योग्य स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती करते हैं.