यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने उत्तर कोरिया द्वारा यह अन्तर-महाद्वीपीय मिसाइल प्रक्षेपण किए जाने की कड़ी निन्दा करते हुए, अपनी ये पुकारें दोहराईं कि देश को, अस्थिरता बढ़ाने वाली कोई भी कार्रवाई करने से तत्काल बचना होगा.
समाचारों में कहा गया है कि ये मिसाइल ऐसे समय दागा गया है जब क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दे पर, जापान-दक्षिण कोरिया (कोरिया गणराज्य) के बीच एक सम्मेलन, टोक्यो में होने वाला है. पिछले 12 वर्षों के दौरान, दोनों देशों के दरम्यान ये इस तरह की पहली बैठक है.
अनुपालन का आहवान
महासचिव ने उत्तर कोरिया से, सुरक्षा परिषद के तमाम प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत, अपनी अन्तरराष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों का पूर्ण पालन करने की भी पुकार लगाई है.
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल के सप्ताहों के दौरान इन पुकारों में अपनी आवाज़ मिलाते हुए, क्षेत्र में बढ़ते तनावों पर चिन्ता व्यक्त की है.
फ़रवरी 2023 में सुरक्षा परिषद को बताया गया था कि उत्तर कोरिया ने वर्ष 2022 के दौरान, मिसाइल दागे जाने की गतिविधियों में “ख़ासी वृद्धि” की है.
संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक और शान्ति निर्णाण मामलों (DPPA) और शान्ति अभियानों के, मध्य पूर्व, एशिया और प्रशान्त के लिए सहायक महासचिव मोहम्मद ख़ालेद ख़ैरी ने फ़रवरी में सुरक्षा परिषद को बताया था, कि उत्तर कोरिया द्वारा छोड़े गए मिसाइलों में से, 70 में, बैलिस्टिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया था.
उन्होंने बताया कि उन मिसाइल प्रक्षेपणों में परमाणु हथियारों की भूमिका वाली प्रणालियाँ भी शामिल थीं. और परीक्षण की गई अधिकतर प्रणालियाँ, कोरियाई प्रायद्वीप पर लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम हैं.
कुछ मिसाइल प्रणालियाँ तो उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों तक पहुँचने में सक्षम बताई गई हैं.
मोहम्मद ख़ालेद ख़ैरी ने सुरक्षा परिषद को ये भी बताया था कि फ़रवरी में किए गए मिसाइल प्रेक्षपणों में ऐसा कुछ भी शामिल था जिसे उत्तर कोरिया ने, “दो सामरिक परमाणु रॉकेटों वाली प्रक्षेपण ड्रिल” क़रार दिया था.

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