काला सागर अनाज निर्यात समझौते की अवधि आगे बढ़ी


इस समझौते की मौजूदा समय सीमा या अवधि, शनिवार, 18 मार्च 2023 को ही समाप्त हो रही थी.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने शनिवार को, संवाददाताओं को भेजी एक टिप्पणी में, इस समझौते के विस्तार की घोषणा की है.

इस घोषणा में ज़ोर देकर कहा गया है कि इस समझौते के तहत, यूक्रेन के कुछ चुनिन्दा बन्दरगाहों से अनाज व सम्बन्धित खाद्य सामग्रियाँ और उर्वरकों का निर्यात जारी रखने में सहायता जारी रखी जाएगी. इनमें अमोनिया का निर्यात भी शामिल है.

यूक्रेन युद्ध से वैश्विक बाज़ारों में उत्पन्न हुई अनाजों की क़िल्लत और बढ़ती क़ीमतों के बीच, इस समझौते के तहत हुए अनाज निर्यात ने, अनेक देशों और वैश्विक अनाज बाज़ारों में ख़ासी राहत पहुँचाई है.

यूक्रेन पर फ़रवरी 2022 में रूसी सेनाओं का आक्रमण शुरू होने के बाद, काला सागर अनाज समझौता एक ऐसा क्षेत्र रहा है जिसमें रूस और यूक्रेन की सरकारों के दरम्यान कोई सहमति बन सकी.

दुनिया भर में खाद्य पदार्थों और उर्वरकों की आसमान छूती क़ीमतों के बीच, इस समझौते का वजूद में आना बहुत लाभदायक रहा है.

ग़ौरतलब है कि रूस और यूक्रेन, वैश्विक बाज़ारों को इन उत्पादों का निर्यात करने वाले प्रमुख देश हैं, और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से, इस सामान के निर्यात में बहुत कमी आ गई थी.

वैश्विक लाभ

काला सागर अनाज निर्यात पहल के तहत, पहला वाणिज्यिक जहाज़, सामग्री लेकर रवाना होते हुए.

काला सागर अनाज निर्यात समझौता, जुलाई 2022 में लागू होने के बाद से, लगभग ढाई करोड़ अनाज और अन्य खाद्य सामग्रियाँ, 45 देशों को निर्यात की जा चुकी हैं.

साथ ही, इस समझौते की बदौलत, वैश्विक खाद्य पदार्थों में ठहराव लाने में मदद मिली है, जिनमें मार्च 2022 में बेतहाशा वृद्धि हो गई थी.

काला सागर अनाज निर्यात समझौता लागू होने के बाद से वैश्विक खाद्य मूल्यों में गिरावट होनी शुरू हुई और लगभग एक वर्ष बाद उनमें लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट आई है.

संयुक्त राष्ट्र और तुर्कीये के समर्थन से वो समझौता सम्भव हो सका, जिस पर रूस और यूक्रेन के साथ-साथ, इन दोनों पक्षों ने भी हस्ताक्षर किए.

इस समझौते के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए, तुर्कीये के इस्तान्बूल में एक संयुक्त समन्वय केन्द्र (JCC) स्थापित किया गया था, और इसका गठन इसी समझौते का हिस्सा है.

रूस की खाद्य सामग्रियों और उर्वरकों के निर्यात के लिए भी एक पृथक समझौता वजूद में है.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने संवाददाताओं को भेजी टिप्पणी में, इन दोनों समझौतों के लिए, संयुक्त राष्ट्र की मज़बूत प्रतिबद्धता व्यक्त की है, और काला सागर अनाज निर्यात पहल को, “वैश्विक खाद्य सुरक्षा, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए, बहुत अहम क़रार दिया है”.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Mehboob Khan

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *