सर्वजन के लिए जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता की सुलभता हेतु, अधिक निवेश की दरकार


विश्व भर में लगभग दो अरब लोगों की अब भी सुरक्षित पेयजल तक पहुँच नहीं है, और तीन अरब 60 करोड़ लोग, ऐसी साफ़-सफ़ाई सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें मानव अपशिष्ट का शोधन नहीं किया जाता है.

सुरक्षित जल व साफ़-सफ़ाई सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित करके, सामुदायिक स्वास्थ्य व उत्पादकता का मार्ग प्रशस्त होता है, जिससे सामाजिक व आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है.​​

यूएन बाल कोष और यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को जारी अपने साझा वक्तव्य में ध्यान दिलाया है कि पर्याप्त जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता सेवाओं (WASH) की वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक सुलभता हासिल करने के लिए चार गुना रफ़्तार से प्रगति की जानी होगी.

यह अपील, 2023 यूएन जल सम्मेलन के अवसर पर जारी की गई है, जिसमें ज़ोर देकर कहा गया है कि संवेदनशील सन्दर्भों और निर्धन देशों में प्रगति में और अधिक तेज़ी लाए जाने की आवश्यकता है.

यह सम्मेलन, यूनीसेफ़ और स्वास्थ्य संगठन के लिए, देशों की सरकारों से कारगर कार्रवाई का आग्रह करने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसके लिए यूएन एजेंसियों, बहुपक्षीय साझेदारों, निजी सैक्टर और नागरिक समाज संगठनों का समर्थन भी ज़रूरी होगा.

बताया गया है कि सरकारों द्वारा राजनैतिक प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए सुरक्षित रूप से प्रबन्धित, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता पर केन्द्रित एक योजना विकसित की जानी होगी.

इस क्रम में, सरकार के सभी स्तरों पर नेताओं और नागरिक समाज समूहों के साथ सम्पर्क व बातचीत को आगे बढ़ाया जाना होगा.

वित्त पोषण व निवेश पर बल

यूएन एजेंसियों के अनुसार, वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए स्पष्ट नीतिगत उद्देश्यों को विकसित किया जाना अहम होगा, ताकि इन सेवाओं के लिए वित्तीय निर्णयों को आकार देने के लिए दिशा मिल सके.

विशेषज्ञों का कहना है कि पहले से अधिक मज़बूत, विविधतापूर्ण और लैंगिक रूप से सन्तुलित कार्यबल खड़ा करने के लिए भी एक योजना विकसित की जानी होगी, जिसका WASH सैक्टर में मज़बूत कौशल हो.

इसके समानान्तर, पेशेवर ढंग से सेवाएँ प्रदान करने वाली व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाना होगा, विशेष रूप से लघु और ग्रामीण पर्यावरणों में, जिसके लिए अल्प आय और अपर्याप्त प्रशिक्षण हासिल करने वाले कामगारों की क्षमता विकसित की जानी होगी.

इस दिशा में निर्णय निर्धारण के लिए बेहतर डेटा व तथ्यों का संकलन महत्वपूर्ण होगा, और नवाचार व प्रयोगधर्मी उपायों को प्रोत्साहित किया जाना होगा.

यूएन एजेंसियों का कहना है कि सरकारों को समर्थन प्रदान करने वाली नीतियाँ व नियामन विकसित की जानी होंगी, और सरकारों, नागरिक समाज समूहों व निजी सैक्टर के हितधारकों के बीच रचनात्मक सहयोग अहम होगा.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Sachin Gaur

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