इस बैठक का आयोजन एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (UNESCAP) ने किया है, जोकि 27 से 30 मार्च तक चलेगी.
यूएन विशेषज्ञों का मानना है कि एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में विकास क्षेत्र में दर्ज की गई प्रगति पर, आपस में गुंथे हुए और गहन हो रहे संकटों की छाया मंडरा रही है.
एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में, जीवन-व्यापन की बढ़ती क़ीमतों के कारण 40 करोड़ लोग सुरक्षित व पौष्टिक भोजन के अभाव का सामना कर रहे हैं. जलवायु सम्बन्धी आपदाओं, जैवविविधता को हुए नुक़सान और प्रदूषण की वजह से लोगों की मौत हो रही है और वे अत्यधिक कठिन परिस्थितियों व पीड़ा से गुज़र रहे हैं.
बढ़ती खाद्य व ऊर्जा क़ीमतों और कर्ज़ के दबाव के कारण देशों की सरकारें अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में संघर्ष कर रही हैं.
यूएन उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने फ़ोरम के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि आँकड़े एक ऐसी स्थिति को बयाँ करते हैं, जिसे विश्व भर में सम्वेदनशील हालात में रह रहे लोग अच्छी तरह से जानते हैं: हम रास्ते से भटक गए हैं.
धीमी प्रगति पर चिन्ता
यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह बेहद चिन्ताजनक है लेकिन आशान्वित होने के कारण भी मौजूद हैं. “एसडीजी के लक्ष्यों को हासिल करना सम्भव है और अति-आवश्यक भी है.”
बैठक में संयुक्त राष्ट्र आयोग की कार्यकारी सचिव अर्मिदा सलसियाह अलीस्जहबाना ने सचेत किया कि एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर प्रगति की कमी ने हमें जोखिम भरी दुनिया के दंडनीय नतीजों के समक्ष खड़ा कर दिया है.
“इन गहराइयों से उभरने के लिए, हमें बस वहीं जाना है जहाँ से ये सब शुरू हुआ था: लोगों की रक्षा करना, विशेष रूप से उनकी जो सबसे पीछे रह गए हैं, लैंगिक समानता सुनिश्चित करना, हमारी अर्थव्यवस्थाओं को झटकों के लिए तैयार करना और हमारी पृथ्वी की रक्षा करना.”
“ये सभी 2030 एजेंडा की बुनियाद में हैं.”
फ़ोरम का एजेंडा
APFSD के दसवें सत्र के दौरान, एसडीजी लक्ष्यों के लिए क्षेत्रीय कार्रवाई को गतिशीलता प्रदान करने के इरादे से, सरकारी प्रतिनिधि व संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी, निजी क्षेत्र, युवा और नागरिक समाज के प्रतिनिधि अपने विचार साझा करेंगें.
अगले चार दिनों में, इस क्षेत्रीय मंच पर निम्न टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी:
एसडीजी-6 (स्वच्छ जल और साफ़-सफ़ाई), एसडीजी-7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा), एसडीजी-9 (उद्योग, नवाचार व बुनियादी ढाँचा), एसडीजी-11 (टिकाऊ शहर व समुदाय) और एसडीजी-17 (लक्ष्यों के लिए साझेदारी).
क्षेत्रीय फ़ोरम की सिफारिशों को इस साल के अन्त में, वैश्विक उच्च-स्तरीय राजनैतिक मंच और एसडीजी शिखर सम्मेलन की तैयारियों के लिए उपयोग में लाया जाएगा.

नई रिपोर्ट
फ़ोरम के दौरान, यूएन आयोग, एशियाई विकास बैन्क (ADB) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने, ‘Asia-Pacific SDG Partnership Report: Delivering on the Sustainable Development Goals through Solutions at the Energy, Food and Finance Nexus’ नामक रिपोर्ट के नवीनतम संस्करण को जारी किया है.
ये रिपोर्ट मौजूदा संकटों से निपटने और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में फिर से प्रगति मार्ग पर लौटने के लिए स्पष्ट समाधान दर्शाती है.
इनमें कृषि की कायापलट करने से लेकर जलवायु सुदृढ़ता को बढ़ावा देने, न्यायसंगत से ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की ओर आगे बढ़ने, और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के इरादे से सार्वजनिक निवेश में वृद्धि करने समेत अन्य सुझाव साझा किए गए हैं.