मैक्सिको: प्रवासन केन्द्र में आग से 39 की मौत, घटना की विस्तृत जाँच का आग्रह


बताया गया है कि यह प्रवासी केन्द्र, मैक्सिको के सियुदाद जुआरेज़ में राष्ट्रीय प्रवासन संस्थान द्वारा संचालित है.

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, सोमवार रात देश वापिस भेजे जाने की आशंका को देखते हुए, प्रवासियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया, और उसी दौरान कथित रूप से आग लगने की घटना हुई.

संस्थान का कहना है कि उस समय प्रवासी केन्द्र में 68 पुरुष रह रहे थे.

समाचार माध्यमों के अनुसार, अधिकाँश पीड़ितों के वेनेज़ुएला, ग्वाटेमाला और अन्य मध्य अमेरिकी देशों के नागरिक होने की आशंका है

मैक्सिको के राष्ट्रपति आन्द्रेस मैनुएल लोपेज़ ओब्राडोर ने एक पत्रकार वार्ता में स्थानीय स्रोतों के हवाले से बताया कि प्रवासियों ने यह सोचकर अपने ग़द्दों को आग के हवाले कर दिया कि उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा.

मगर, उन्हें ज़रा भी आभास नहीं था कि उनके इस विरोध के इतने त्रासदीपूर्ण नतीजे होंगे.

अमेरिका के टैक्सास प्रान्त में ऐल पासो के नज़दीक सीमावर्ती इलाक़े, सियुदाद जुआरेज़ में अमेरिका जाने की आस में पहुँचने वाले प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है.

कोविड-19 महामारी के दौरान लागू की गई पाबन्दियों, तथाकथित ‘टाइटल 42’ को वापिस लिए जाने की सम्भावना है, जिसकी वजह से अब तक आपात सार्वजनिक स्वास्थ्य कारणों से प्रवासियों के लिए अमेरिका में शरण लेने पर लगभग मनाही थी.   

दुखद घटना

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि महासचिव गुटेरेश इस घटना में हुई मौतों से दुखी हैं और उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने इस त्रासदीपूर्ण घटना की विस्तृत जाँच कराए जाने का आग्रह किया है और सम्बद्ध देशों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया है, ताकि सुरक्षित, नियमित व पहले से अधिक संगठित प्रवासन मार्ग स्थापित किए जा सकें.

प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर हताश नागरिकों के लिए हालात सुरक्षित बनाने पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि सदस्य देशों को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा, जैसाकि उन्होंने यूएन के नेतृत्व वाले प्रवासन के लिए ग्लोबल कॉम्पैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं.

उन्होंने कहा कि फ़िलहाल आपराधिक गुटों का, वैश्विक प्रवासन पर नियंत्रण है, जिसके भयावह नतीजे हमें हर रोज़ देखने को मिलते हैं.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Sachin Gaur

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