यूएन एजेंसी के प्रवक्ता येन्स लार्क ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि सहायता अभियान का मौजूदा चरण, अब भी एक मानवीय आपात स्थिति है.
इन प्रयासों में यह आकलन किया जा रहा है कि जीवित बच गए लोगों को किस तरह की मदद की आवश्यकता है और उन्हें किस तरह समर्थन प्रदान किया जा सकता है.
तुर्कीये में, जहाँ 90 लाख से अधिक लोग इस आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं, संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठन, सरकार के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं.
इसके तहत, 40 लाख से अधिक लोगों के लिए घर-परिवार की बुनियादी वस्तुओं को प्रदान किया गया है, और 30 लाख लोगों तक खाद्य सहायता पहुँचाई गई है.
सात लाख से अधिक लोगों के लिए आश्रय व्यवस्था का प्रबन्ध किया गया है, जिनमें टैंट, राहत आवास यूनिट और मरम्मत के लिए सामान समेत अन्य सामग्री है.
यूएन ने तुर्कीये के स्वास्थ्य मंत्रालय को 46 लाख वैक्सीन ख़ुराकें, सचल स्वास्थ्य क्लीनिक और अन्य दवाएँ प्रदान की हैं.
सीरिया में विस्थापितों के लिए चुनौती
सीरिया में 88 लाख से अधिक लोग भूकम्प से प्रभावित हुए हैं. देश के पश्चिमोत्तर में भारी बारिश के कारण विस्थापित परिवारों के सामने मुश्किल स्थिति उपजी है, और उनके शिविरों को बाढ़ की वजह से नुक़सान पहुँचा है.
बताया गया है कि विस्थापितों के लिए बनाए गए 50 आश्रय स्थल, इन घटनाओं में प्रभावित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने ज़रूरतमन्दों के लिए आपात आश्रय, भोजन, पानी, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता सामान की व्यवस्था की है.
यूएन एजेंसी के अनुसार, भूकम्प से सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों – अलेप्पो, लताकिया, और हमा – में स्कूलों को अब भी शरण स्थल के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है.
खाद्य उत्पादन पर असर
इस बीच, खाद्य एवं कृषि संगठन ने शुक्रवार को आगाह किया है कि तुर्कीये में भूकम्प के कारण, 20 फ़ीसदी खाद्य उत्पादन पर असर पड़ा है, जिससे देश में कृषि के नज़रिये से अहम, 11 प्रान्त प्रभावित हुए हैं.
तुर्कीये में भूकम्प के कारण प्रभावित क्षेत्र बहुत उपजाऊ है, और वहाँ कृषि से देश को होने वाली आय का 15 प्रतिशत प्राप्त होता है.
प्रभावित इलाक़ों में एक-तिहाई से अधिक लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं और अब उनके लिए गुज़र-बसर कर पाना बहुत कठिन है.

अगली फ़सल बचाने के प्रयास
यूएन एजेंसी ने किसानों को नक़दी सहायता प्रदान की है और उनके खेतों को फिर से बहाल करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
मगर, अगली फ़सल के लिए समयावधि नज़दीक आ रही है और उर्वरकों की क़िल्लत के कारण, खाद्य उत्पादन को बरक़रार रखना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.
इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने किसानों के लिए जल्द से जल्द उर्वरक और बीजों की व्यवस्था किए जाने पर बल दिया है, ताकि अगले वर्ष कृषि उत्पादन के स्तर को बनाए रखा जा सके.
यूएन एजेंसी के अनुसार, देश में खाद्य उपलब्धता व सुलभता के संकट की रोकथाम करने और खाद्य क़ीमतों में उछाल आने से रोकने के लिए यह समर्थन तत्काल प्रदान किया जाना होगा.