विश्व के अनेक देशों में मोटरसाइकिलों की संख्या में तेज़ वृद्धि हुई है, मगर हेलमेट का कम इस्तेमाल होने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में हताहतों की संख्या में उछाल आने का जोखिम है.
हेलमेट मैनुअल के दूसरे संस्करण को भारत के मुम्बई शहर में वैश्विक सड़क सुरक्षा क्षेत्रीय बैठक के दौरान जारी किया गया है, जोकि ब्लूमबर्ग की एक परोपकारी पहल है.
सिर पर गम्भीर चोट या आघात, मोटरसाइकिल सवारों की मौत होने का एक बड़ा कारण है. सुरक्षित व गुणवत्तापरक हेलमेट के उपयोग से मौत होने के जोखिम में छह गुना कमी और मस्तिष्क में चोट में 74 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है.
इसके बावजूद, निम्न- और मध्य-आय वाले देशों में गुणवत्तापरक हेलमेट का इस्तेमाल कम ही होता है, जबकि मोटरसाइकिलों की संख्या में भारी उछाल आया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में सड़क सुरक्षा के लिए यूएन कार्रवाई दशक की वैश्विक अगुवाई कर रहे डॉक्टर मैट्स-ऐक बेलिन ने बताया कि मोटरसाइकिलों की संख्या अदभुत गति से आगे बढ़ रही है, विशेष रूप से निम्न- और मध्य वाले देशों में.
उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, मृतकों व घायल होने वाले लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि को टालने के लिए त्वरित कार्रवाई की दरकार होगी.
हेलमेट का इस्तेमाल कम किए जाने के निम्न प्रमुख कारण हैं:
– सुरक्षित, गुणवत्तापरक और पहुँच के भीतर क़ीमत में हेलमेट की उपलब्धता में कमी
– बच्चों के लिए हेलमेट की अनुपलब्धता
– क़ानूनों को कमज़ोरी से अमल में लाया जाना
– गर्म मौसम
विशेषज्ञों के अनुसार, जिन हेलमेट को मज़बूती या उपयुक्त ढंग से नहीं बांधा जाता है, उनसे भी मौत होने या चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है.

नया मैनुअल
डॉक्टर बेलिन ने कहा कि, “प्रशासनिक एजेंसियों को क़ानून, फ़्रेमवर्क व कार्रवाई अमल में लानी होगी ताकि सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण हेलमेट की उपलब्धता व उपयोग बढ़ सके.”
उनके अनुसार, बुधवार को जारी किया गया नवीनतम मैनुअल, तथ्यों पर आधारित है और आवश्यक उपायों को दर्शाता है.
इस मैनुअल के ज़रिये हेलमेट का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए व्यापक दृष्टिकोण तैयार करने में सहायता मिलेगी, जिनमें एक सार्वभौमिक हेलमेट क़ानून, गुणवत्ता मानक, प्रवर्तन व शिक्षा समेत अन्य सुझाव हैं.
साथ ही, डेटा एकत्र करने व विश्लेषण, क़ानूनों, नीतियों व नियामन की समीक्षा करने के अलावा, बदलाव के लिए आधार तैयार करने और फिर प्रगति के आकलन व निगरानी पर बल दिया जाएगा.
डॉक्टर बेलिन का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए, जिन उपायों से हेलमेट का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकता है, उन्हें एक सुरक्षित व्यवस्था के लिए कार्रवाई के तहत अपनाया जाना होगा.
“सुरक्षित व्यवस्था तौर-तरीक़ों में यह पहचाना जाता है कि सड़क यातायात एक जटिल प्रणाली है और इसमें आपस में गुंथे हुए ऐसे अनेक घटक हैं, जोकि एक दूसरे को प्रभावित करते हैं.”
वैश्विक सड़क सुरक्षा के लिए पहल के ज़रिये, लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए साबित हो चुके उपायों के एक व्यापक पैकेज को लागू करने में मदद प्रदान की जाती है.