अन्तरारष्ट्रीय खेल दिवस पर, लोगों व गृह की ख़ातिर, खिलाड़ियों का ‘स्कोर’


दस वर्षों से मनाए जा रहे इस वार्षिक समारोह में, दुनिया भर में लोगों की ज़िन्दगियों व समुदायों में, खेलों की सकारात्मक भूमिका को रेखांकित किया जाता है.

कोविड-19 महामारी के कारण लगी पाबन्दियाँ हटने के बाद, इस वर्ष पहली बार, तमाम उम्र के खिलाड़ियों, खेल जगत के विशेषज्ञों, राजनयिकों और यूएन अधिकारियों ने, इस समारोह में शिरकत की है. इस वर्ष इस दिवस की थीम है – “लोगों व पृथ्वी की ख़ातिर स्कोरिंग” (Scoring for People and the Planet.).

सहिष्णुता और समावेशन को प्रोत्साहन

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) के जॉन विलमॉथ का कहना है कि खेल चाहें मनोरंजन के  लिए हों या प्रतिस्पर्धात्मक, वो अक्सर सांस्कृतिक, नस्लीय और राष्ट्रीय खाइयों को पाट रहे होते हैं.

उनका कहना है, “खेलकूद सहिष्णुता और सम्मान, समावेशन, विविधता, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की सघनता कम करने में मदद करते हैं.”

उन्होंने कहा, “हमें ये सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा कि खेलकूद गतिविधियों में किसी को भी पीछे ना छोड़ दिया जाए – विशेष रूप में युवाजन, वृद्धजन, विकलांगजन, आदिवासी जन, और हाशिए पर धकेल दिए गए लोगों को.”

मिसाल क़ायम करना

अन्तरराष्ट्रीय खेल दिवस समारोह के लिए मशहूर फ़ुटबॉल खिलाड़ी डिडियर ड्रोगबा ने एक वीडियो सन्देश में, शान्ति की संस्कृति के विकास में खेलकूद की बुनियादी भूमिका को रेखांकित किया.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के सदभावना दूत और पूर्व स्ट्राइकर डिडियर ड्रोगबा ने कहा, “मिसाल क़ायम करने में, ख़ासतौर से युवजन के लिए, खिलाड़ियों सहित, खेलकूद की पूरी दूनिया की एक अहम भूमिका है.”

डिडियर ड्रोगबा ने कहा कि खिलाड़ी और खेलकूद की दुनिया, ऐसे मुद्दों को आगे बढ़ाना चाहते हैं जो साझा भलाई की सेवा करते हैं, जिनमें लैंगिक समानता को समर्थन देना, नस्लभेद को समाप्त करना और हमारे पर्यावरण के संरक्षण में भागेदारी जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं.

साझा मूल्यों की भागेदारी

एक अन्य मशहूर फ़ुटबॉल खिलाड़ी – जेवियर ज़ैनेट्टी ने भी समारोह को सम्बोधित किया, जोकि अब इंटर मिलान के उपाध्यक्ष हैं.

ये इतालवी क्लब, 30 देशों में ऐसे सामाजिक कार्यक्रम चलाता है जो खेलकूद के मूल्यों और फ़ुटबॉल को एक शैक्षणिक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं और इन कार्यक्रमों के ज़रिए 10 हज़ार युवजन तक पहुँच बनाई हुई है. इनमें से कुछ लड़के और लड़कियाँ, इस समारोह स्थल पर भी मौजूद थे.

जेवियर ज़ैनेट्टी ने अनुवादक के माध्यम से कहा कि उनका हमारा मिशन, हमारे मूल्यों और हमारी कामकाजी प्रणाली को साझा करने से भी परे, उन्हें इस बारे में शिक्षित करना है कि वो किसी समुदाय से सम्बद्ध हैं, उन्हें अपनेपन का अहसास दिलाना है.

दुनिया को बदलना

जेवियर ज़ैनेट्टी ने अर्जेंटीना की एक निर्धन बस्ती में परवरिश पाई मगर फ़ुटबॉल के लिए उनके जुनून और बेहद कठिन परिश्रम ने, उन्हें इंटर मिलान तक पहुँचा दिया, जहाँ वो दुनिया के सर्वाधिक प्रख्यात खिलाड़ियों में से एक बने.

उनका कहना था, “हम दरअसल जिस चीज़ की ज़रूरत है वो है – साझा इनसानी मूल्यों में भागेदारी करना और तमाम तरह के भेदभाव और नस्लभेद के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ना, और दुनिया के किसी भी हिस्से में, और हर जगह, विकास पर केन्द्रित परियोजनाएँ चलाना, क्योंकि यही केवल ऐसा रास्ता है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है.”

उन्होंने कहा “हमें फ़ुटबॉल को बेहतर बनाने और भविष्य को बेहतर बनाने की ख़ातिर, युवजन में कर्तव्य की भावना को भी मज़बूत करना होगा.”

“मगर भविष्य को बेहतर बनाने के लिए, दुनिया भर के लड़कों और लड़कियों के सामने ऐसी आदर्श हस्तियों की मौजूदगी होनी ज़रूरी है जो इसे असली रूप दे सकें, तो ये महान ज़िम्मेदारी हम सभी के कन्धों पर है.”



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Mehboob Khan

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