सीरिया में 8 लाख बच्चों को ख़सरा और पोलियो ख़ुराकों का अभियान


इन दो घातक मगर रोकने योग्य बीमारियों से बचाने का ये अभियान शनिवार, 8 अप्रैल से शुरू किया जा रहा है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), वैक्सीन गठबन्धन (GAVI), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF और स्थानीय स्वास्थ्य ग़ैर-सरकारी संगठन शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF की एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये अभियान तुर्कीये और सीरिया के कुछ इलाक़ों में फ़रवरी के प्रथम सप्ताह में आए विनाशकारी भूकम्प के लगभग दो महीने बाद शुरू किया जा रहा है.

मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका के लिए, यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक अब्देल ख़ोद्र का कहना है, “बहुत छोटी उम्र के और कमज़ोर परिस्थितियों वाले बच्चों को, बीमारियों के सम्भावित फैलाव से सुरक्षित रखने से, ज़िम्दगियाँ बचेंगी. हम वर्षों के अनुभव से समझते हैं कि वैक्सीन कारगर होती हैं.”

एक ऐसे क्षेत्र में बच्चों में रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाना एक प्राथमिकता है, जहाँ हाल के भूकम्प ने 67 स्वास्थ्य सेवाओं को आंशिक या पूरी तरह तबाह कर दिया. जबकि देश में 12 वर्षों के युद्ध ने भी देश की स्वास्थ्य प्रणाली को बुरी तरह कमज़ोर कर दिया है.

भूकम्प के कारण लगभग एक लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा है, जो अत्यधिक भीड़ वाले शिविरों में रहने को विवश हैं, जहाँ पानी, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता की निम्न गुणवत्ता वाली व्यवस्थाएँ हैं.

और अधिका प्रभाव से बचाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के एक क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अहमद अल-मन्धारी क कहना है, “भूकम्पों ने पहले ही इतनी ज़िन्दगियों और आजीकाओं में व्यवधान डाला है, मगर… पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन देकर, हम इस त्रासदी के और ज़्यादा प्रभाव होने से रोक सकते हैं.”

इस अभियान के तहत सीरिया के सर्वाधिक भूकम्प प्रभावित 12 ज़िलों में बच्चों को ख़सरा और पोलियो से बचाने वाली ख़ुराकें दी जाएंगी.

ख़सरा और पोलियो बहुत तेज़ी से फैल सकते हैं और ख़सरा सम्भावित रूप से साँस सम्बन्धी गम्भीर बीमारियाँ फैला सकता है, जिससे मौत भी हो सकती है. वहीं पोलियो से अपंगता हो सकती है और अन्ततः मौत होने की भी सम्भावना होती है.

यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक अब्देल ख़ोद्र का कहना है, “विशेष रूप में मानवीय सहायता के इस सन्दर्भ में, वैक्सीन ख़ुराकें देने के ये प्रयास अति महत्वपूर्ण हैं. इस अभियान से पहले मार्च में, 17 लाख लोगों को, हैज़ा से बचाने वाली वैक्सीन देने का अभियान चलाया गया.”

तुर्कीये के गाज़ियान्तेप में स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्थानीय हब से सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में चलाए जाने वाले अभियानों की अगुवाई कर रहे डॉक्टर इदरीस अल रशीद का कहना है कि वो उन तीन हज़ार स्वास्थ्यकर्मियों के समर्पण से बहुत प्रभावित हैं जो अगले दस दिनों तक ये काम करेंगे, जबकि वो ख़ुद भी भूकम्पों से प्रभावित हुए हैं.

डॉक्टर इदरीस अल रशीद के अनुसार इन स्वास्थ्यकर्मियों ने भी अपने सम्बन्धी और घर खोए हैं, मगर फिर भी वो अपने समुदायों की भलाई के लिए पूरी तरह समर्पित हैं, इसलिए उनकी इनसानियत और पेशेवर जज़्बे के लिए बहुत सम्मान है.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Mehboob Khan

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