यूएन प्रमुख ने मोगादिशु में राष्ट्रपति हसन शेख़ मोहम्मद के साथ संघीय सरकार के सरकारी परिसर में एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया. इससे पहले, उन्होंने छह वर्ष पूर्व सोमालिया की यात्रा की थी.
उन्होंने कहा, “मैं यहाँ विशाल अन्तरराष्ट्रीय समर्थन के लिए घंटी बजाने के लिए हूँ. विशाल अन्तरराष्ट्रीय समर्थन उन मानवीय मुश्किलों के कारण, जिनसे देश जूझ रहा है. विशाल मानवीय समर्थन, सोमालिया में सुरक्षा क्षमता के निर्माण के सिलसिले में और विशाल मानवीय समर्थन, देश में स्थिरता और विकास के लिए.”
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि सोमालिया के लोगों का जलवायु परिवर्तन में कोई भी योगदान नहीं है, मगर वे इसके सबसे अधिक पीड़ितों में हैं.
देश में लगभग 50 लाख लोगों को ऊँचे स्तर पर खाद्य असुरक्षा से जूझना पड़ रहा है और बढ़ती क़ीमतों ने उनकी कठिनाई और बढ़ा दी है.
“इसलिए, मैं दानदाताओं और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपना समर्थन बढ़ाए जाने का आग्रह करता हूँ.”
लाखों ज़रूरतमन्द
यूएन महासचिव ने सोमालिया के लिए मानवीय राहत समन्वयक ऐडम अब्देलमौला के साथ मंगलवार को सोमालिया के बाइडोआ में विस्थापितों के लिए बनाए गए एक शिविर में जाकर मानवीय संकट से प्रभावित सोमाली नागरिकों की व्यथा का प्रत्यक्ष अनुभव किया.
महासचिव ने यहाँ दो परिवारों से मुलाक़ात की. पहले परिवार के सभी मवेशियों की सूखे के कारण मौत हो गई, जिसके बाद उन्होंने पिछले साल इस शिविर तक पहुँचने के लिए पैदल और गधा गाड़ी में 105 किलोमीटर की यात्रा की.
दूसरे परिवार के लिए भी परिस्थितियाँ ऐसी ही थीं, और उन्हें राहत पाने के लिए 70 किलोमीटर का सफ़र तय करना पड़ा.
यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि यह समय, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा और अधिक समर्थन लामबन्द करने का है, ताकि यहाँ मानवीय संकट से जूझ रहे लोगों की मदद, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित और आतंकवाद के विरुद लड़ाई को मज़बूती प्रदान की जा सके.
“हमें रमदान के पवित्र महीने में, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से उदारता की आवश्यकता है. मैंने इस शिविर में जो कुछ भी देखा है, उन लोगों को बचाने के लिए यह अत्यधिक अहम है, जो बेहद नाटकीय हालात में जी रहे हैं.”
विकट परिस्थितियाँ
फ़िलहाल, सोमालिया की क़रीब आधी आबादी, 82 लाख लोगों को जलवायु व्यवधान के कारण जीवनदायी मानवीय सहायता व संरक्षण समर्थन की दरकार है.
मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने बताया कि देश में पिछले पाँच वर्षों से बारिश के मौसम में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है, हिंसक टकराव लम्बे खिंच रहे हैं.
इनमें से 38 लाख लोग देश की सीमाओं के भीतर ही विस्थापित हुए हैं और 50 लाख लोगों को ऊँचे स्तर पर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है.
देश में क़रीब 18 लाख लोग गम्भीर कुपोषण का शिकार हैं और 80 लाख लोगों के लिए पर्याप्त जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता सुलभ नहीं है.

वर्ष 2023 के मानव कल्याण सहायता योजना में, 76 लाख लोगो की मानवीय राहत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो अरब 60 करोड़ डॉलर की अपील की गई है, मगर फ़िलहाल 15 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया है.
यूएन महासचिव ने संयुक्त पत्रकार वार्ता के दौरान सचेत किया कि सोमाली नागरिक, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता के हक़दार हैं और इस योजना को तत्काल वित्त पोषित किया जाना होगा.
राज्यसत्ता निर्माण के लिए समर्थन
यूएन प्रमुख ने अपनी साझा पत्रकार वार्ता से पहले राष्ट्रपति और उनके मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों के साथ मुलाक़ात की, जहाँ आतंकवाद से निपटने और शान्ति व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हुई.
उन्होंने बताया कि संघीय सरकार और प्रान्तों के बीच पहले से कहीं मज़बूत रचनात्मक सहयोग की अहमियत को रेखांकित किया गया है.
एंतोनियो गुटेरेश ने सत्ता के बंटवारे के कुछ मामलों में हुए समझौते को उत्साहजनक बताया और भरोसा दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र, राज्यसत्ता-निर्माण के लिए अपना हरसम्भव समर्थन प्रदान करेगा.
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को मानव कल्याण प्रयासों से आगे बढ़कर, देश में स्थिरता व विकास के लिए अपना समर्थन देना होगा, और अल-शबाब गुट से निपटने के लिए क्षमता-निर्माण किया जाना होगा.
पिछले कुछ महीनों में, सोमालिया के सुरक्षा बलों ने अल-शबाब के विरुद्ध देश के कुछ प्रान्तों में अपना सैन्य अभियान तेज़ किया है, और अब इनका दायरा बढ़ाए जाने की सम्भावना है.

नागरिक समाज के साथ चर्चा
यूएन प्रमुख ने मंगलवार को सोमाली नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाक़ात की, जो महिलाओं से जुड़े मामलों, उनके सशक्तिकरण, जलवायु परिवर्तन, विकलांगजन, युवा और वंचितों के लिए काम कर रहे हैं.
इसके बाद, महासचिव गुटेरेश संघीय सरकार और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मिले, और फिर उन्होंने रोज़ा इफ़्तार कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
यूएन प्रमुख रोज़ा भी रखते हैं और उन्होंने अपनी एकजुटता यात्राओं की यह परम्परा, महासचिव पद सम्भालने के पहले, रमदान के दौरान शुरू की थी, जब वह यूएन शरणार्थी एजेंसी के उच्चायुक्त के पद पर सेवारत थे.
हाल ही में जब उनसे पूछा गया कि रमदान के दौरान उपवास करने वाले मुसलमानों में शामिल होने से उन्हें क्या अन्तरदृष्टि मिली, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि इससे वो “इस्लाम का असली चेहरा” देख पाए हैं.
महासचिव गुटेरेश ने मोगादिशु में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि सोमालिया, रमदान के दौरान आशा व नवीकरण के चिरन्तन सन्देश का मूर्त रूप है.