विशेष दूत और देश में यूएन सहायता मिशन (UNSMIL) के मुखिया अब्दुलआये बैथिली ने कहा, “लीबिया में एक नया समीकरण हुआ है.”
उन्होंने देश के अधिकारियों से लोगों की ये अपेक्षाएँ पूरी करने का आग्रह किया कि वो मतदान पेटियों के माध्यम से, नए नेताओं का चुनाव करने में समर्थ होंगे और वो नेतागण अपने संकल्प पूरे करेंगे.
“सभी अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों को, मौजूदा गतिमान घटनाक्रम को समर्थन देना चाहिए और लीबियाई मामलों में एक सुर में बात करनी चाहिए.”
अब्दुलआये बैथिली ने गत फ़रवरी में सुरक्षा परिषद को दी गई जानकारी के बाद से हुए घटनाक्रम की एक झलक भी पेश की.
उन्होंने कहा, “सुरक्षा हस्तियों के बीच, सघन बातचीत हुई हैं; संस्थागत और राजनैतिक नेताओं ने राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भी कार्रवाई की है.”
विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को दरअसल, लीबिया के संस्थानों की कार्यशीलता को और ज़्यादा समर्थ बनाने व राजनैतिक हस्तियों को चुनावों की दिशा में आगे ले जाने के लिए, सक्रिय व सतर्क बने रहना होगा.
तनावपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य
विशेष दूत अब्दुलआये बैथिली ने कहा कि अलबत्ता कुल सुरक्षा स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, मगर युद्धविराम भी लागू है और अन्तरराष्ट्रीय मान्यता वाली सरकार के नियंत्रण वाली लीबियाई सेना और प्रतिद्वन्द्वी लीबियाई राष्ट्रीय सेना (LNA) के बीच सहयोग पर सकारात्मक घटनाक्रम भी हुए हैं. इनमें विदेशी लड़ाकों और किराए के लड़ाकों को हटाए जाने का मुद्दा भी शामिल है.
मानवाधिकार पाबन्दियाँ
विशेष दूत ने कहा कि इस अवधि के दौरान नागरिक स्थान और भी सिमटा है, और सिविल सोसायटी संगठनों के अभियान अवैध समझे जा रहे हैं.
उन्होंने हाल की ऐसी रिपोर्टों का हवाला दिया जिनमें दंडमुक्ति का मुक़ाबला करने के लिए और ज़्यादा प्रयासों की सिफ़ारिशें की गई हैं.
उन्होंने इस सन्दर्भ में लीबियाई अधिकारियों से अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने, और सिविल सोसायटी संगठनों की कार्रवाइयों के लिए और ज़्यादा स्थान मुहैया कराने का आग्रह किया.
अनूठा अवसर
विशेष दूत ने चुनाव प्रक्रिया का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह समूचे देश को शान्तिपूरण, समावेशी, मुक्त और निष्पक्ष चुनावों के लिए गतिमान बनाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है.
इस सन्दर्भ में उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने राजनय के माध्यम से एक साझा ज़मीन तैयार करने के लिए लीबिया के प्रमुख राजनैतिक नेताओं से सम्पर्क साधा है, और उन्हें चुनावों की तरफ़ जाने वाले एक स्पष्ट मार्ग की ख़ातिर, कुछ समझौते करने के लिए भी प्रोत्साहित किया है.