महासचिव गुटेरेश ने बताया कि तीन साल पहले, यूएन प्रणाली में अधिक डेटा विशेषज्ञता स्थापित करने और नवाचारी पारिस्थितिकी तंत्रों को बढ़ावा देने के इरादे से संयुक्त राष्ट्र डेटा रणनीति की शुरुआत की गई थी.
इसका उद्देश्य, आमजन और पृथ्वी की बेहतरी के लिए डेटा में निहित सम्भावनाओं का पूर्ण रूप से इस्तेमाल करना था.
यूएन प्रमुख ने अपने वीडियो सन्देश में चेतावनी जारी करते हुए कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को 2030 तक हासिल करने की समयसीमा के आधे रास्ते में प्रगति या तो रुक गई है या उसकी दिशा उलट रही है.
उन्होंने कहा कि यह फ़ोरम डेटा की परिवर्तनकारी शक्ति को अधिक मज़बूती प्रदान करने और एसडीजी लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में तेज़ी लाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है.
यूएन डेटा फ़ोरम
टिकाऊ विकास एजेंडा के अधिकाँश लक्ष्य फ़िलहाल पहुँच से दूर हैं, और इसी चुनौती पर फ़ोरम में ध्यान केन्द्रित किया गया है.
चीन के हांगज़ाओ में 140 देशों से दो हज़ार से अधिक डेटा विशेषज्ञ जुटे हैं और क़रीब 20 हज़ार अन्य वर्चुअल माध्यम से इसमें हिस्सा लेंगे.
2023 यूएन वर्ल्ड डेटा फ़ोरम, अपनी तरह का चौथा फ़ोरम है, और यह पहली बार है जब इसे एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में आयोजित किया गया है.
इस डेटा फोरम के दौरान डेटा तैयार करने वाली मुख्य हस्तियाँ, नीति-निर्माता, व्यवसायी, नागरिक समाज और वैज्ञानिक संस्थानों के प्रतिनिधि, एक मंच पर एकत्र हो रहे हैं.
इसका उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु, प्राकृतिक संसाधनों, लैंगिक मुद्दों, मानवाधिकारों, शरणार्थियों और टिकाऊ विकास से जुड़े अनेक पहलुओं पर डेटा की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
चार मुख्य थीम
यूएन की 2023 विश्व डेटा फ़ोरम में मुख्यत: चार प्रमुख विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा:
– एक सतत और सुरक्षित भविष्य के लिए आवश्यक अन्तर्दृष्टि, डेटा प्रदान करता है
– डेटा की गुणवत्ता और किसी को भी पीछे ना छूटने देने के लिए साझेदारी व नवाचार अहम है
– निजता और डेटा सम्बन्धी अन्य अधिकारों की रक्षा के लिए उनका सत्यनिष्ठा से इस्तेमाल सभी का दायित्व है
– सुदृढ़ राष्ट्रीय डेटा प्रणालियों का लाभ सर्वजन तक पहुंचाने के लिए सतत निवेश समेत समर्थन की आवश्यकता है