वैश्विक चुनौतियों से निपटने में, बहुपक्षवाद आधारित कार्रवाई की अहमियत रेखांकित


सोमवार को सुरक्षा परिषद में ‘शान्ति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर एक मंत्रिस्तरीय बैठक बुलाई गई, जोकि यूएन चार्टर के सिद्धान्तों के बचाव के ज़रिये कारगर बहुपक्षवाद पर केन्द्रित थी.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सचेत किया कि दुनिया, फ़िलहाल अभूतपूर्व और आपस में गुंथे हुए संकटों से जूझ रही है. “प्रमुख शक्तियों के बीच में तनाव ऐतिहासिक ऊँचाई पर है, और किसी चूक या ग़लत अनुमान के कारण होने वाले टकराव का जोखिम भी.”

“यह समय सहयोग को प्रगाढ़ करने, और बहुपक्षीय संस्थाओं को मज़बूती प्रदान करने का है, ताकि साझा चुनौतियों के साझा समाधान ढूंढे जा सकें.”

इस क्रम में, उन्होंने सदस्य देशों से अपने दायित्वों का निर्वहन करने, विवादों के शान्तिपूर्ण निपटारे के लिए मौजूदा  उपकरणों का प्रयोग करने, और यूएन चार्टर के वादों को साकार करने के लिए वैश्विक शासन व्यवस्था की कमियों को दूर करने की पुकार लगाई है.

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों, विशेष रूप से स्थाई सदस्यों (चीन, फ़्राँस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका) की बहुपक्षवाद को कारगर बनाने की ज़िम्मेदारी है, इसके विघटन में योगदान देने की नहीं.

“हमें सहयोग करना होगा, हमें बहुपक्षीय संस्थाओं में ज़रूरत अनुसार बदलाव लाने होंगे और भरोसे को, जहाँ सबसे आवश्यक हो, वहाँ बढ़ावा देना होगा.”

“वैश्विक चुनौतियों की तात्कालिकता, निडर औऱ त्वरित कार्रवाई की मांग करती है.”

साझा संकट, सामूहिक कार्रवाई

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि हिंसक संघर्षों की रोकथाम करने व उन्हें सुलझाने, आर्थिक अनिश्चितता का प्रबन्धन करने, और टिकाऊ विकास लक्ष्यो को बचाने के लिए, कारगर बहुपक्षीय कार्रवाई बहुत आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, कोविड-19 महामारी के कारण उपजी वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, और सहेल क्षेत्र, सोमालिया, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य और म्याँमार में बढ़ते टकराव समेत अन्य वैश्विक मुद्दों पर तत्काल ध्यान दिए जाने पर बल दिया है.

यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि दुनिया, एक गम्भीर जलवायु संकट से जूझ रही है, विषमताएँ उफ़ान पर हैं, आतंकवाद से जोखिम बढ़ रहा है, विश्व भर में मानवाधिकारों और लैंगिक समानता पर प्रगति कमज़ोर हो रही है, और ख़तरनाक टैक्नॉलॉजी के बेरोकटोक विकास से चिन्ता उभर रही है.

उन्होंने कहा कि इन सभी वैश्विक चुनौतियों को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के प्रति सम्मान, वैश्विक प्रतिबद्धताओं के अनुपालन, और बहुपक्षीय शासन व्यवस्था के लिए उपयुक्त फ़्रेमवर्क को पारित करके सुलझाया जा सकता है.

“हमें बेहतर करना होगा, आगे बढ़ना होगा और तेज़ी से काम करना होगा.”

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश, यूएन महासभा के 77वें सत्र की जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए, 20 सितम्बर 2022

बेहतर प्रयासों की आवश्यकता

“इसकी शुरुआत, देशों द्वारा यूएन चार्टर के अन्तर्गत अपने दायित्वों के प्रति फिर से संकल्प जताकर की जानी होगी, जिसमें मानवाधिकारों और गरिमा को सर्वोपरि रखा जाए और हिंसक टकरावों व संकटों की रोकथाम को प्राथमिकता मिले.”

यूएन महासचिव ने कहा कि हमारे संगठन को संकटों से निपटने के लिए स्थापित किया गया था, और पिछले दशकों में, संयुक्त राष्ट्र को अनेक दुसाध्य संकटों से निपटने और गहरी दरारों पर पार पाने में सफलता मिली है.

“हमें आगे बढ़ने के लिए एक रास्ते की तलाश करनी होगी, और अभी कार्रवाई करनी होगी, जैसाकि हमने पहले भी किया है, ताकि अराजकता और टकराव की ढलान पर लुढ़कने से बचा जा सके.”

यूएन प्रमुख ने अतीत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि तीसरे विश्व युद्ध को टालने से लेकर, 80 देशों को औपनिवेशवाद से मुक्ति दिलाने में मदद करने, और कूटनीति व विकास को बढ़ावा देने में नए उपकरणों को विकसित करने तक, वैश्विक समस्याओं के बहुपक्षीय समाधान कारगर हैं, जैसाकि ओज़ोन परत के संरक्षण और पोलियो उन्मूलन ने दर्शाया है.

महासचिव ने कहा कि यदि देशों द्वारा, एकजुट होकर एक बहुपक्षीय मानव परिवार के रूप में प्रयास नहीं किए जाते, तो यह प्रगति सम्भव नहीं थी, और इसलिए इसकी मौजूदा समय में अत्यधिक आवश्यकता है.

उनके अनुसार, बहुपक्षीय सहयोग संयुक्त राष्ट्र का धड़कता हुआ दिल है और उसे रास्ता दिखाने वाली दूरदष्टि भी.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Sachin Gaur

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