यूएन कार्यालय ने इन रिकॉर्डिंग की सार्वजनिक निन्दा करने का आग्रह करते हुए कहा है कि यदि इन मामलों की पुष्टि होती है, तो यह युद्ध के नियमों का उल्लंघन होगा, और ऐसे मामलों को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.
मानवाधिकार मामलों के लिए यूएन कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले रविवार को टेलीग्राम नामक ऐप पर कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग साझा की गई, जिसमें योद्धाओं से युद्धबन्दी बनाने की परवाह ना करने और क़ब्ज़े में आए सैनिकों को बिना सुनवाई के ही जान से मार दिए जाने के आदेश दिए गए.
‘युद्धबन्दी मत बनाओ’
यूएन कार्यालय प्रवक्ता के अनुसार एक रिकॉर्डिंग में यूक्रेनी सशस्त्र बलों का एक तथाकथित सदस्य, वैगनर ग्रुप के एक युद्धबन्दी की हत्या का आदेश दे रहा है.
यह ग्रुप येवेगनी प्रिगोज़िन के नेतृत्व में भाड़े के सैनिकों का एक समूह है, जोकि यूक्रेन युद्ध में रूसी सैन्य बलों का साथ दे रहा है, और बख़मूट में महीनों से जारी भीषण लड़ाई में इस ग्रुप ने ख़ास तौर पर मोर्चा सम्भाला है.
रवीना शमदासानी के अनुसार, इसके बाद एक अन्य ऑडियो वैगनर समूह के प्रमुख की ओर से जारी किया गया प्रतीत होता है. इस ऑडियो में संकेत दिया गया है कि वैगनर ग्रुप, रणभूमि पर अब और युद्धकों को युद्धबन्दी नहीं बनाएगा.
OHCHR प्रवक्ता ने बताया कि फ़िलहाल इस ऐप पर साझा की गई रिकॉर्डिंग को सत्यापित नहीं किया जा सका है, लेकिन इस तरह के बयान युद्धबन्दियों या लड़ाई में घायल हुए सैनिकों की बिना सुनवाई के हत्या किए जाने के मामलों को और हवा दे सकते हैं.
युद्धापराध की आशंका
रवीना शमदासानी ने कहा कि यदि इस जानकारी की पुष्टि होती है, तो युद्धबन्दियों समेत घायल सैनिकों को बिना सुनवाई के जान से मार दिए जाने का आदेश, और उसके बाद उनकी हत्या या उसकी कोशिश एक युद्धापराध है.
यूएन कार्यालय प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि, “हम रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तय दायित्वों का पालन करने, इन रिकॉर्डिंग में दिए गए बयानों की जाँच करने व दोषियों की पहचान करके उन पर मुक़दमा चलाने का आग्रह करते हैं.”
OHCHR प्रवक्ता ने यूक्रेन में मोर्चे पर तैनात सैन्य कमांडरों और उनके वरिष्ठ अधिकारियों से सुस्पष्ट आदेश जारी करने की अपील की है ताकि लड़ाई में घायल हुए सैनिकों और युद्धबन्दियों की रक्षा की जा सके और उनके साथ मानवीयता के साथ बर्ताव हो.
साथ ही, इन आदेशों का सख़्ती से अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाना होगा.