विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह: जीवनरक्षक टीकाकरण कवरेज, फिर से पटरी पर लाने की मुहिम


यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और साझेदार संगठनों ने ‘The Big Catch-Up’ नामक एक पहल के तहत, देशों को नियमित टीकाकरण के रास्ते पर वापिस लाने के लिए अपना समर्थन प्रदान करने की बात कही है.

इसके ज़रिये, अधिक संख्या में बच्चों व वयस्कों की रोकथाम योग्य बीमारियों से रक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

कोविड-19 महामारी के कारण 100 से अधिक देशों में अति-आवश्यक टीकाकरण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई, जिससे डिप्थीरिया, ख़सरा, पोलियो और पीत ज्वर (yellow fever) बुखार जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा. केवल 2021 में, दो करोड़ 50 लाख बच्चों के टीकाकरण से वंचित रह जाने का अनुमान है.

गिरावट के अनेक कारण

प्रतिरक्षण कवरेज में आई इस गिरावट के अनेक कारण हैं, जिनमें स्वास्थ्य प्रणालियों पर अत्यधिक दबाव, बन्द क्लीनिक, और महत्वपूर्ण चिकित्सा सामानों, जैसेकि सुईंयों और शीशियों के आयात व निर्यात में आया व्यवधान है.

इसके अलावा, समुदायों और परिवारों ने तालाबन्दी का सामना किया, जिससे आवाजाही और स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता पर असर पड़ा, जबकि इस संकट से निपटने के लिए, सरकारों के पास वित्तीय और मानव संसाधन सीमित मात्रा में ही उपलब्ध थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हिंसक संघर्ष, जलवायु संकट और वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट जैसे अन्य कारणों को भी इस गिरावट की वजह बताया है.

विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह’ सोमवार, 24 अप्रैल को आरम्भ हुआ और रविवार, 30 अप्रैल तक जारी रहेगा, जिसमें यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), वैश्विक स्तर पर वैक्सीन एलायंस (GAVI), बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन समेत अन्य अन्तरराष्ट्रीय साझेदार सक्रियता से हिस्सा ले रहे हैं.

संसाधनों की मज़बूती पर बल

ये सभी संगठन, देशों के साथ मिलकर स्वास्थ्य देखभाल कार्यबलों को मज़बूती प्रदान करने, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्ध बेहतर करने, समुदायों के बीच भरोसा बढ़ाने व टीकों की मांग पुनर्बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं. साथ ही, टीकाकरण में आए अन्तराल और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.

मुहिम का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में बच्चों, वयस्कों और उनके समुदायों की ऐसी बीमारियों से रक्षा सुनिश्चित करना है, जिनकी रोकथाम टीकाकरण से सम्भव है, ताकि वे ख़ुशहाल व स्वस्थ जीवन जी सकें.

20 देशों के लिए जोखिम

इस सप्ताह के दौरान, उन 20 देशों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा जहाँ वर्ष 2021 में टीकाकरण से वंचित बच्चों की कुल संख्या का लगभग तीन चौथाई बच्चे रह रहे थे.

इनमें अफ़ग़ानिस्तान, कोरिया गणराज्य, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, पाकिस्तान, सोमालिया और म्याँमार समेत अन्य देश हैं.

यूएन स्वास्थ्य संगठन द्वारा कईं सफल टीकाकरण अभियान संचालित करने वाले देशों और सुदृढ़ क्षमता के उदाहरणों को भी साझा किया जाएगा जिनमें भारत भी है, जहाँ पिछले साल अति-आवश्यक टीकाकरण के विषय में मज़बूत सुधार देखा गया.

वहीं, युगांडा में भी वैश्विक महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज का ऊँचा स्तर दर्ज किया गया.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Shivani Kala

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