उसके बाद से ही देश में, नागरिकों के नेतृत्व वाली सरकार का शासन नहीं है.
इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र, अफ़्रीकी संघ और विकास पर अन्तरसरकारी प्राधिकरण (IGAD) के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप, सेना और कुछ अहम नागरिक समाज के हितधारकों के बीच दिसम्बर 2022 में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
इससे, देश में फिर से एक विश्वसनीय लोकतांत्रिक नागरिक सरकार के बहाल होने की आशाएं जगी थीं.
पिछले कुछ वर्षों में, सूडान में अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुज़र रही है, सामुदायिक झड़पें और अन्य सशस्त्र हिंसा की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिसकी आम नागरिकों ने एक बड़ी क़ीमत चुकाई है.
दारफ़ूर क्षेत्र और दक्षिण कोरदोफ़ान और ब्लू नाइल प्रान्तों में अनेक लोगों ने अपनी ज़िन्दगियाँ गंवाई हैं और कई घर बर्बाद हुए हैं.
सूडान में राजनैतिक संकट के जारी रहने की वजह से, पहले से ही हाशिए पर रह लोगों व समुदायों के लिए स्थिति जटिल हुई है, रोज़मर्रा का जीवन कठिन हुआ है और भूमि स्वामित्व पर टकराव अनसुलझे हैं.
जटिल चुनौतियाँ
सूडान फ़िलहाल अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है और विशाल स्तर पर मानवीय और आर्थिक आवश्यताएँ उपजी हैं. साथ ही, सुरक्षा, न्याय, मानवाधिकारो के लिए सम्मान, और शान्ति व लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाना है.
इसके बावजूद, दिसम्बर 2022 में एक राजनैतिक फ़्रेमवर्क पर हस्ताक्षर के बाद, इस वर्ष के आरम्भ में राजनैतिक प्रक्रिया में प्रगति होती नज़र आ रही थी, और लम्बित मुद्दों को सुलटाने के प्रयास किए जा रहे थे, ताकि अन्तत: एक राजनैतिक समझौते का मार्ग प्रशस्त किया जा सके.

चंद तथ्य:
– सूडान की आबादी चार करोड़ 80 लाख है.
– अफ़्रीकी महाद्वीप पर यह तीसरा सबसे बड़ा देश है.
– सूडान में यूएन की कुल 25 संस्थाएँ सक्रिय हैं.
सूडान के लिए यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि वोल्कर पर्थेस ने मार्च 2023 में बताया था कि देश में हितधारक, नागरिक सरकार के मुद्दे पर आपसी सहमति के जितना नज़दीक हैं, वे उतना पहले कभी नहीं रहे.
टकराव से गहराया संकट
मगर, आपसी सहमति की ये आशाएं 15 अप्रैल को लेफ़्टिनेंट जनरल अब्देल-फ़ताह अल-बुरहान के नेतृत्व में सूडान के सशस्त्र बलों और लेफ़्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के नेतृत्व वाले त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच लड़ाई शुरू होने के साथ ही धूमिल हो गईं.
अब तक हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों अन्य घायल हुए हैं.
लड़ाई शुरू होने से पहले ही, सूडान में मानवीय सहायता आवश्यकताएँ रिकॉर्ड स्तर पर थीं, और देश में डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों, यानि क़रीब एक तिहाई आबादी को इस वर्ष मानवीय सहायता की ज़रूरत होगी.
हिंसा के कारण भोजन, पानी, दवाओं व ईंधन की गम्भीर क़िल्लत उपजी है और परिवहन समेत अन्य अति-आवश्यक सेवाओं व सामानों की क़ीमतों में उछाल आया है.

सूडान, 10 लाख से अधिक शरणार्थियों व शरण ढूंढ रहे लोगों का भी मेज़बान हैं, जिनमें से अधिकाँश दक्षिण सूडान, ऐरीट्रिया, सीरिया, इथियोपिया, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, चाड और यमन सहित अन्य देशों से हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सभी पक्षों से तत्काल टकराव रोकने और हिंसा प्रभावित इलाक़ों से आम नागरिकों को सुरक्षित निकलने का रास्ता मुहैया कराने की अपील की है.
सूडान में यूएन
सूडान के लोकतांत्रिक दिशा में आगे बढ़ने की प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र एकीकृत संक्रमणकालीन सहायता मिशन (UNITAMS) द्वारा समर्थन प्रदान किया जाता है, जोकि विशेष प्रतिनिधि पर्थेस के नेतृत्व में एक विशेष राजनैतिक मिशन है.
हिंसक टकराव शुरू होने के बाद, संयुक्त राष्ट्र के सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिजनों को अस्थाई तौर पर सूडान के अन्य हिस्सों और देश के बाहर सुरक्षित स्थानांतरित किया गया है.
संगठन ने अपने कर्मचारियों के साथ देश के भीतर और बाहर, जीवनरक्षक सहायता प्रयासों को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
इसके समानान्तर, एक निगरानी व्यवस्था के साथ सतत संघर्षविराम लागू किया जाना, राजनैतिक वार्ता के लिए वापिस लौटना और मानव पीड़ा में कमी लाना एक तात्कालिक प्राथमिकता है.