भ्रष्टाचार पर लगाम से, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद को मिलेगी मज़बूती


उन्होंने मंगलवार को टिकाऊ विकास के लिए 2030 एजेंडा को मज़बूती देनेने और भ्रष्टाचार की समस्या से निपटने पर लक्षित एक विशेष बैठक के दौरान यह बात कही है.

परिषद की प्रमुख ने कहा, “भ्रष्टाचार, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का पाँच प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा सोख लेता है.”

“लगभग 1,300 अरब डॉलर वैश्विक सार्वजनिक व्यय में से, लगभग 25 प्रतिशत की भ्रष्टाचार की वजह से हानि होती है.”

यह सार्वजनिक व्यय के लिए कम से कम तीन हज़ार अरब डॉलर है.

मंगलवार को बुलाई गई इस बैठक में टिकाऊ विकास एजेंडा के 16वें लक्ष्य पर चर्चा हुई, जोकि शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने और भ्रष्टाचार घटाने पर केन्द्रित है.

इस बैठक में, सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार विरोधी तौर-तरीक़ों को बढ़ावा देने के लिए, ठोस समाधानों की पहचान करने पर विचार-विमर्श हुआ.

प्रतिभागियों ने कारगर शासन व्यवस्था के लिए सिद्धान्तों की भूमिका पर चिन्तन किया और भ्रष्टाचार के विरुद्ध यूएन सन्धि समेत अन्य मौजूदा उपायों को रेखांकित किया.

आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की प्रमुख के अनुसार, भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक दृढ़ कार्रवाई से, जोकि एसडीजी16 पर आधारित हो, 2030 एजेंडा की महत्वाकांक्षा को वास्तविकता में बदलने का अवसर मिलेगा.

लाचेज़ारा स्टोएवा ने ध्यान दिलाया कि भ्रष्टाचार की क़ीमत केवल वित्तीय नहीं है.

“भ्रष्टाचार से प्राकृतिक संसाधनों की हानि होती है, निर्धनता व असमानता गहराती है, भरोसा व सामाजिक जुड़ाव दरकता है और आर्थिक व राजनैतिक स्थिरता भी कमज़ोर होती है.”

भ्रष्टाचार रूपी अवरोध

भ्रष्टाचार का महिलाओं, निर्धन व निर्बल समुदायों पर ग़ैर-आनुपातिक असर होता है और मानव पूंजी का क्षरण भी.

2030 एजेंडा के सफ़र में दुनिया अब तक आधा सफ़र तय कर चुकी है, जिसकी वजह से उनकी प्राप्ति के लिए कारगर कार्रवाई में जल्द से जल्द तेज़ी लाने पर बल दिया गया है.

लाचेज़ारा स्टोएवा ने आगाह किया कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति के रास्ते में, भ्रष्टाचार खड़ा है.

उनके अनुसार, शान्ति, न्याय और मज़बूत संस्थाओं पर आधारित एसडीजी16 की दिशा में प्रगति से अन्य लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि सभी टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कारगर कार्रवाई में यह बेहद आवश्यक है, और एसडीजी में प्रगति होने से भ्रष्टाचार पर पार पाने में मदद मिलेगी.

आवश्यकता अनुरूप उपाय

लाचेज़ारा स्टोएवा ने बताया कि इस चुनौती से पुख़्ता ढंग से निपटने के लिए सतत, भ्रष्टाचार-विरोधी प्रयासों की आवश्यकता होगी, देशों में हालात के अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय समझौतों, क़ानूनों और सन्धियों पर आधारित उपाय अपनाए जाने होंगे.

उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई में बेहतरी लाने के लिए निगरानी और आकलन तंत्र को सुदृढ़ बनाए जाने की बात कही.

इस क्रम में कारगर सुधारों के लिए तथ्य जुटाए जाने होंगे और एसडीजी16 पर प्रगति पर जानकारी देनी होगी.  

मंगलवार को हुई इस विशेष बैठक के निष्कर्षों पर, इस वर्ष सितम्बर में न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में एसडीजी पर केन्द्रित शिखर बैठक और मई में रोम में एसडीजी16 सम्मेलन के दौरान चर्चा होगी.



From संयुक्त राष्ट्र समाचार

Sachin Gaur

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