यूएन प्रमुख ने बुरुंडी की राजधानी बुजुम्बूरा में, डीआरसी और क्षेत्र के लिए शान्ति, सुरक्षा व सहयोग पर क्षेत्रीय निगरानी प्रणाली की, 6 मई से शुरू हो रही उच्चस्तरीय बैठक की पूर्व संध्या पर कहा, “सभी पक्षों को नफ़रत की भाषा (Hate speech) पर लगाम कसनी होगी, विश्वास बहाल करने पर काम करना होगा, और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचना होगा जिससे शान्ति के लिए हुई प्रगति कमज़ोर पड़ सकती हो.”
उन्होंने कहा, “मैं तनाव कम करने… और संयम के लिए अपनी पुकार दोहराता हूँ.”
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुरुंडी के विकास और आर्थिक प्रगति में, देश की राष्ट्रीय प्रगति का ज़िक्र करते हुए कहा कि अभी ये सुनिश्चित करने के लिए बहुत कुछ किए जाने की ज़रूरत है कि प्रयासों में बेहद निर्बल हालात वाली आबादी की ज़रूरतों पर ग़ौर किया जाए.
उन्होंने साथ ही दानदाताओं और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस अभियान में, बुरुंडी का समर्थन करने का आग्रह भी किया.
महत्वपूर्ण प्रगति
यूएन प्रमुख ने क्षेत्र में और इस उच्चस्तरीय बैठक में बुरुंडी की “सकारात्मक भूमिका” का ज़िक्र करते हुए, उन देशों की सराहना की जो फ़्रेमवर्क समझौते को लागू कर रहे हैं.
उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि मगर क्षेत्र में मौजूदा संकट, फ़्रेमवर्क समझौते के संकल्पों को पूरी तरह से लागू करने के लिए, प्रयास दो गुने करने की ज़रूरत को भी रेखांकित करता है.
यूएन प्रमुख ने कहा, “तमाम अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों को ऐसा ही करना होगा और डीआरसी व क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता के लिए काम करने की ख़ातिर, तकनीकी व वित्तीय समर्थन मज़बूत करने में अपना योगदान करना होगा.”
सूडान में संकट
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान में जारी युद्ध के सन्दर्भ में कहा कि वहाँ हिंसा से, ना केवल सूडानी लोगों के लिए, बल्कि पूरे सहेल व पूर्वी अफ़्रीका क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य के लिए ख़तरा उत्पन्न हो गया है.
उन्होंने कहा, “देश एक मानवीय त्रासदी का सामना कर रहा है.” उन्होंने साथ ही बताया कि एक लाख से ज़्यादा लोग देश से बाहर चले गए हैं और आगामी दिनों व सप्ताहों के दौरान, लगभग 8 लाख लोग देश से बाहर निकल सकते हैं.
यूएन प्रमुख ने कहा कि लाखों सूडानी लोग इस लड़ाई में फँसे गए हैं और बढ़ती खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.
