विश्व मौसम संगठन (WMO) की एक पदाधिकारी क्लेयर न्यूलिस ने कहा है कि ये बहुत गम्भीर चक्रवाती तूफ़ान, बंगाल की खाड़ी में बहुत तेज़ी से मज़बूत हो रहा है, जिससे क्षेत्र में हिंसक आन्धियों, बाढ़, और भूस्खलन का जोखिम उत्पन्न हो गया है. इस स्थिति से लाखों लोगों के प्रभावित होने की सम्भावना है, जो पहले से ही दुनिया में सबसे ज़्यादा कमज़ोर हालात का सामना कर रहे हैं.
संगठन के नई दिल्ली स्थित विशेषीकृत मौसम केन्द्र ने अनुमान जताया है कि चक्रवाती तूफ़ान मोचा, बांग्लादेश और म्याँमार के तटीय इलाक़ों की तरफ़ बढ़ेगा.
ये तूफ़ान रविवार को लगभग दोपहर के समय, भूमि से टकराने से पहले, बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार और म्याँमार के क्याउकप्यू के दरम्याम और भी ज़्यादा सघन होगा.
बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में रहने वाले लगभग दस लाख रोहिंज्या शरणार्थी, बहुत भीषण हालात का सामना करने की तैयारियाँ कर रहे हैं.
वर्ष 2022 में, उन्हें बंगाल की खाड़ी में आए सितरंग चक्रवाती तूफ़ान की तबाही से बचकर भागना पड़ा था, उसने फिर भी 35 लोगों की जान ले ली थी, और बीस हज़ार से ज़्यादा लोगों को विस्थापित कर दिया था. उस तूफ़ान ने साथ ही देश के अन्य हिस्सों में लगभग साढ़े तीन करोड़ डॉलर के दायरे का नुक़सान किया था.
स्वेच्छाकर्मी मुस्तैद
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के अनुसार, इस समय तो तूफ़ान मोचा, बांग्लादेश स्थिति शिविरों की तरफ़ बढ़ रहा है.
कॉक्सेस बाज़ार में प्रवासन संगठन की मिशन उप प्रमुख, निहान अर्दोगान ने वहाँ से बताया कि बांग्लादेश ने व्यापक पैमाने पर ऐहतियाती उपाय किए हैं, जिनमें ये प्रवासन संगठन (IOM) भी साझीदार है.
निहान अर्दोगान ने कहा, “हमने हर शिविर में 100 शरणार्थियों को, तूफ़ान का सामना करने की तैयारियों में प्रशिक्षित किया है और प्रवासन संगठन द्वारा संचालित 17 शिविरों में, चेतावनी प्रणाली सक्रिय कर दी है.”
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने बताया है कि एजेंसी ने कॉक्सेस बाज़ार में, 40 एम्बुलेंस और 33 सचल चिकित्सा टीमें मुस्तैद रखी हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी – UNHCR की प्रवक्ता ओल्गा सराडो ने बताया है कि एजेंसी ने लगभग 230 टन सूखा भोजन और क़रीब साढ़े 24 टन पौष्टिक बिस्कुट सामग्रियों की व्यवस्था तैयार रखी है. साथ ही अन्य सहायता एजेंसियाँ भी ज़रूरत पड़ने पर, दैनिक 50 हज़ार तैयार भोजन ख़ुराकें मुहैया कराने के लिए मुस्तैद हैं.
म्याँमार में ऐहतियात
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी – OCHA के उप प्रवक्ता जैंस लाएर्के ने कहा है कि म्याँमार में स्थानीय समुदायों को, इस चक्रवाती तूफ़ान की आमद का सामना करने के लिए आपात स्तर पर तैयार किया जा रहा था.
उप प्रवक्ता ने बताया कि म्याँमार की मानवीय आपदा कार्रवाई तैयारी योजना, इस सप्ताह राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि मानवीय सहायता संगठनों ने, विशेष रूप में राख़ीन प्रान्त में, आवश्यकता के अनुसार कर्मचारी और सामान की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी है. पूरे राख़ीन प्रान्त और पश्चिमोत्तर क्षेत्र में, 60 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, और 12 लाख लोग विस्थापित हैं.
OCHA ये सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि मानवीय सहायता कर्मी, ज़रूरतमन्द लोगों तक समय पर और निर्बाध तरीक़े से पहुँचने में समर्थ हों.
एजेंसी ने साथ ही आगाह भी किया है कि म्याँमार की सहायता के लिए जारी 76.4 करोड़ डॉलर की अपील के जवाब में, इस रक़म का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा ही प्राप्त हो सका है.
आपदा जोखिम का न्यूनीकरण
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने आगाह किया है कि आने वाले वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण, अत्यन्त चरम मौसम की घटनाएँ जल्दी-जल्दी घटित होंगी.
एजेंसी ने कहा है, “जलवायु परिवर्तन, प्रवासन, और विस्थापन के बीच सम्बन्ध, दुनिया भर में बढ़ रहा है.”
संगठन ने सरकारों से, जलवायु आपदाओं से सम्बन्धित विस्थापन से बचने, उसके प्रभावों को कम करने और उसका सामना करने व लोगों की सहनक्षमता मज़बूत करने के लिए, टिकाऊ जलवायु अनुकूलन व तैयारियों के साथ-साथ, आपदा न्यूनीकरण उपाय लागू करने का आहवान किया है.