ऐसी 66 प्रतिशत सम्भावना है कि वर्ष 2023 और 2027 के बीच, वार्षिक औसत निकट-सतह वैश्विक तापमान, कम से कम एक वर्ष के लिए, पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सैल्सियस से अधिक होगा.
अब तक का सबसे गर्म साल
और इस बात की 98 प्रतिशत सम्भावना है कि अगले पाँच वर्षों में कोई एक साल, और पाँच साल की एक अवधि, रिकॉर्ड में सबसे गर्म होगी.
उन्होंने कहा, “आने वाले महीनों में एक गर्म अल नीनो विकसित होने की अपेक्षा है, जो मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर वैश्विक तापमान को अनजानी स्थिति में धकेल देगा.”
मौसम संगठन के महासचिव प्रोफ़ेसर पेटेरी तालस ने कहा, “स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, जल प्रबन्धन और पर्यावरण पर इसके दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे. हमें तैयार रहने की ज़रूरत है.”

कुछ प्रमुख तथ्य
- आमतौर पर, अल नीनो विकसित होने के एक वर्ष बाद वैश्विक तापमान बढ़ाता है. यानि, इस मामले में 2024 में.
- ऐसी 98 प्रतिशत सम्भावना है कि अगले पाँच वर्षों में कम से कम कोई एक साल, 2016 में स्थापित तापमान का रिकॉर्ड तोड़ेगा, जब अल नीनो असाधारण रूप से मज़बूत होगा.
- आर्कटिक तापमान असमान रूप से बढ़ा हुआ है. 1991-2020 के औसत की तुलना में, उत्तरी गोलार्द्ध में बढ़ती अगली पाँच सर्दियों के मद्दनेनज़र तापमान विसंगति, वैश्विक अपेक्षित विसंगति के तीन गुना से अधिक होने का अनुमान है.
- 1991-2020 के औसत की तुलना में, मई से सितम्बर 2023-2027 के बीच की औसत के लिए अनुमानित वर्षा रुझान, साहेल, उत्तरी योरोप, अलास्का और उत्तरी साइबेरिया में वर्षा में वृद्धि की सम्भावना जताते हैं. वहीं, अमेज़ॉन और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में, इस मौसम के दौरान कम वर्षा होने की आशंका जताई गई है.

पेरिस समझौता
वैश्विक तापमान में वृद्धि के अलावा, मानवीय कार्रवाई से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, महासागरीय तापन और अम्लीकरण, समुद्री बर्फ़ व हिमनदों के पिघलने, समुद्री स्तर में वृद्धि और अधिक चरम मौसम की घटनाओं का कारण बन रहा है.
पेरिस समझौते के तहत, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को पर्याप्त रूप से कम करने हेतु, सभी देशों का मार्गदर्शन करने के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, ताकि इस सदी में वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सैल्सियस तक सीमित किया जा सके.
साथ ही, भविष्य में वृद्धि को 1.5 डिग्री सैल्सियस तक सीमित करने के प्रयास आगे बढ़ाए जा सकें, जिससे इसके प्रतिकूल प्रभावों और सम्बन्धित नुक़सान से बचा जा सके.
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल का कहना है कि वैश्विक तापमान वृद्धि के लिए जलवायु सम्बन्धी जोखिम, 1.5 डिग्री सैल्सियस से अधिक लेकिन 2 डिग्री सैल्सियस से कम हैं.
यह नई रिपोर्ट, 22 मई से 2 जून के बीच होने वाले विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस से ठीक पहले जारी की गई है, जिसमें जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में मदद के लिए, मौसम और जलवायु सेवाओं को मज़बूत करने के बारे में चर्चा की जाएगी.
कांग्रेस में चर्चा की प्राथमिकताओं में, लोगों को तेज़ी से बढ़ते चरम मौसम से बचाने के लिए, यूएन की ‘सर्वजन के लिए प्रारम्भिक चेतावनी’ पहल और जलवायु शमन को सूचित करने के लिए, एक नई ग्रीनहाउस गैस निगरानी संरचना शामिल है.